- Home
- /
- देश
- /
- उत्तरप्रदेश
- /
- लखनऊ
पेंशन बहाली का वादा कर फंसे अखिलेश, योगी ने कहा- जब रोकी गयी तब उनके 'अब्बाजान' ही CM थे
लखनऊ। पुरानी पेंशन बहाल करने का वादा कर समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव घिर गये हैं। सत्ताधारी दल भाजपा ने उनसे सवाल पूछना शुरू कर दिया है कि आखिर पांच वर्ष तक मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव को यह मुद्दा याद क्यों नहीं रहा ? इतना ही नहीं,अखिलेश यादव के पिता मुलायम सिंह यादव को भी अपने चार वर्ष के मुख्यमंत्रित्व काल में यह मुद्दा याद नहीं आया। उप्र में पुरानी पेंशन मुलायम सरकार में ही खत्म की गई थी।
चुनावी रण में पुरानी पेंशन का मामला छाया हुआ है। सपा मुखिया अखिलेश यादव द्वारा प्रदेश की जनता से किया गया वादा उन पर ही भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। अखिलेश ने प्रदेश की जनता से जिस पुरानी पेंशन बहाली की बात की, उस पर वह खुद घिर गये हैं।दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अखिलेश पर हमला बोलते हुए कहा कि वह कहते हैं कि हम पुरानी पेंशन बहाल करेंगे। जब यह पुरानी पेंशन रोकी गयी थी तब उनके अब्बाजान ही प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उसके बाद वह(मुलायम सिंह यादव) चार वर्षों तक मुख्यमंत्री रहे। फिर पांच वर्षों तक उन्हें (अखिलेश यादव) स्वयं मुख्यमंत्री बनने का अवसर प्राप्त हुआ। आगे योगी कहते हैं लेकिन सच तो यह है कि प्रदेश के कर्मचारियों के बारे में उनके पास कोई सोच नहीं थी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्वीटर हैण्डल से ट्वीट कर कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी ने सामाजिक संतुलन को बनाए रखते हुए हर एक तबके को प्रतिनिधित्व दिया है। इसके साथ-साथ राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया है। विपक्ष पर हमला करते हुए बोले कि वे सत्ता को शोषण का माध्यम बनाते थे, हमने सत्ता को सेवा का माध्यम बनाया है। इसलिए फर्क साफ है। भाजपा सरकार ने कोई तुष्टीकरण नहीं किया। अब कैराना से पलायन नहीं होगा। अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ने का काम कर रहा है। हमने अपना बंगला नहीं बनाया है। हमने प्रदेश के 43 लाख गरीबों के लिए एक-एक मकान बनाए हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पहले गाजियाबाद में हज हाउस बनता था, हमारी सरकार ने कैलाश मानसरोवर का भवन बनाया है।
जिसने कोरोना कॉल में साथ छोड़ दिया, वह मित्र नहीं हो सकता -
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जो संकट के समय आपका साथ न दे वह मित्र नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कोरोना कॉल खण्ड में कांग्रेस गायब, सपा गायब और बहुजन समाज पार्टी मैदान से गायब थी। केन्द्र और प्रदेश सरकार के साथ भाजपा कार्यकर्ता सेवा ही संगठन मंत्र के साथ एक-एक व्यक्ति के जीवन और उसकी जीविका को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहा था। जब संकट के समय आपका साथी नहीं, उस व्यक्ति को चुनाव के समय आप अपना साथी कैसे चुन सकते हैं ? जो संकट का साथी है, वही आपका सही शुभचिंतक है। जो संकट में साथ छोड़ दे, वह मित्र नहीं शत्रु कहलाता है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मित्र और शत्रु की पहचान होना बहुत आवश्यक है।