टॉक्सिसिटी हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाती है ,क्यों जरूरी है डिटॉक्स?

टॉक्सिसिटी हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाती है ,क्यों जरूरी है डिटॉक्स?
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शरीर में टॉक्सिन्स की अधिकता होने पर कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिलती हैं। इसका प्रभाव सबसे पहले हमारी पाचन क्रिया पर देखने को मिलता है। इसलिए शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए यह सलाह दी जाती है कि आप अपने शरीर को समय-समय पर डिटॉक्सिफाई करें। शरीर में टॉक्सिन्स को बढ़ाने में कई चीजें योगदान देती हैं, कुछ का तो हम रूप से सेवन और प्रयोग करते हैं जैसे, प्रोसेस्ड फूड्स, हानिकारक केमिकल युक्त पैकेज्ड फूड्स, केमिकल युक्त स्किन और हेयरकेयर प्रोडक्ट्स, प्रदूषण, खानपान की खराब आदतें और जीवन शैली और मानसिक स्वास्थ्य के लिए नकारात्मक सोच।

आजकल हम देखते हैं कि लोग शरीर को डिटॉक्स करने के लिए तरह-तरह की और फैंसी डिटॉक्स ड्रिंक्स का सेवन करते हैं, जिनका सेवन करना सबके बस की बात नहीं होती है। ऐसे में अक्सर लोग यह सवाल पूछते हैं कि बेहतर शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए घर पर डिटॉक्स करने के आसान तरीके क्या हैं? शरीर को डिटॉक्स करना क्यों जरूरी है और डिटॉक्सिफिकेशन के कुछ सरल तरीकों के बारे में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. चैतली राठोर (BAMS Ayurveda) ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में विस्तार से बताया है। इस लेख में आप भी जानें...

डॉ. चैतली के अनुसार, "अनावश्यक बीमारियों और स्थितियों से बचने के लिए समय-समय पर अपने शरीर को डिटॉक्सीफाई करना आवश्यक है। आयुर्वेद में, शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति बनने के लिए ऋतुचर्या (मौसमी) और दैनिक आहार का पालन करने की व्याख्या की गई है। आयुर्वेदिक डिटॉक्स में कई चीजें शामिल होती हैं" जैसे, आयुर्वेद के अनुसार एक स्वस्थ शरीर, एक संतुलित दोष और मन की स्थिति है। तो यह शरद ऋतु दोष, विशेष रूप से पित्त दोष के असंतुलन का मौसम है, अगर हमारी जीवन शैली के अनुसार भी शरीर में पित्त के साथ अधिक असंतुलन है, तो इस प्रकार यह आपके पित्त को संतुलित करने के लिए आपके शरीर को डिटॉक्स करने का सबसे अच्छा समय है।

इस मौसम में डिटॉक्स करने के फायदे

गट हेल्थ बेहतर होती है। आप बेहतर पाचन और बेहतर आंत स्वास्थ्य का अनुभव करेंगे

मेटाबॉलिज्म तेज होता है, टॉक्सिन्स और शरीर के चैनलों की सफाई होती है

पुरानी कब्ज से राहत मिलती है

इम्युनिटी में सुधार होता है

त्वचा को साफ करने और त्वचा के टेक्सचर को स्मूथ बनाने में मदद करता है

टॉक्सिन्स को हटाने से एलर्जी की स्थिति और त्वचा से जुड़ी समस्याएं कम होने लगती हैं

नींद से जुड़ी समस्याएं दूर होंगी

मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होगा

हार्मोनल असंतुलन संबंधी समस्याएं जैसे पीसीओडी, थायराइड, बांझपन में भी सुधार होगा।

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