Bhimbetka Caves:: जहां पत्थरों पर लिखी गई हैं इंसानियत की सबसे पुरानी कहानियां,कहां है वो भीमबेटका की गुफाएं

जहां पत्थरों पर लिखी गई हैं इंसानियत की सबसे पुरानी कहानियां,कहां है वो भीमबेटका की गुफाएं
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Bhimbetka Caves: भीमबेटका की गुफाओं का इतिहास, इनकी खोज और यहां की पेंटिंग्स के बारे में जानिए इस दिलचस्प आर्टिकल में।

सोचिए, आप एक ऐसी जगह पर खड़े हैं जहां हजारों साल पहले लोग रहते थे। वो लोग जो आज से बिल्कुल अलग थे—ना उनके पास फोन थे, ना टीवी, और ना ही इंटरनेट। और नाही लिखने के लिए पेन और नोटबुक तो फिर सोचिए वह अपने मन की बात अपनी रचनात्मक कलाएं कहां उकेरते और लिखते होंगे. कहते हैं ना इंसान जहां रहता है वहां अपना रास्ता खुद बना लेता है। वो अपनी कहानियां पत्थरों पर लिखते थे। ये कहानियां ऐसी हैं, जो हमें उस जमाने की झलक दिखाती हैं, जब इंसान पहली बार कुछ नया करने की कोशिश कर रहा था। इस जगह का नाम है भीमबेटका, और अगर आपको पुरानी चीज़ों में दिलचस्पी है, तो ये जगह आपके लिए किसी खजाने से कम नहीं हैं।

ये गुफाएं समय का पहिया घुमा देती हैं

भीमबेटका मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में है, जो भोपाल से करीब 45 किलोमीटर दूर है। यहां की गुफाएं आदिमानवों का घर थीं, जो हजारों साल पहले यहां रहते थे। इन गुफाओं में उन्होंने अपने जीवन के पलों को दीवारों पर चित्रों के रूप में उकेरा। यहां आपको जानवरों का शिकार करते लोग, नाचते-गाते लोग और रोजमर्रा की जिंदगी के कई दृश्य देखने को मिलेंगे। ये चित्र केवल कला नहीं हैं, बल्कि वो कहानियां हैं, जो उस समय के लोगों की जिंदगी को हमे बताती हैं।

विष्णु वाकणकर की खोज ने किया रहस्य उजागर

इन गुफाओं की खोज 1957-58 में प्रसिद्ध पुरातत्वविद् डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने की थी। जब वे इस इलाके से गुजर रहे थे, तो उन्हें इन गुफाओं के संकेत मिले। उन्होंने यहां खुदाई की और जो उन्होंने पाया, उसने पूरे दुनिया का ध्यान खींच लिया। इन गुफाओं की उम्र करीब 30,000 साल पुरानी मानी जाती है।

भीमबेटका के चित्रों की खोज सबसे पहले किसने की थी?भीमबेटका की गुफाओं में आपको जो पेंटिंग्स देखने को मिलेंगी, वो केवल चित्र नहीं हैं। ये हमारे पूर्वजों की पहली कलाकारी का नमूना हैं। यहां आपको उस समय की जिंदगी के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा।

भीमबेटका का विश्व धरोहर स्थल बनना, World Heritage Site of Bhimbetka

इन गुफाओं की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए यूनेस्को ने 2003 में इन्हें विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया। इसका मतलब है कि भीमबेटका दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से एक है। यहां की हर गुफा में इंसानियत के शुरुआती दिनों की छाप है, जो आपको समय में पीछे ले जाती है। ये गुफाएं न केवल हमारे देश की, बल्कि पूरी दुनिया की धरोहर हैं।

भीमबेटका घूमने का सही समय और अनुभव, Best time and experience to visit Bhimbetka

अगर आप भी उन कहानियों को जानना चाहते हैं, तो एक बार भीमबेटका जरूर घूम जाइए। सर्दियों में यहां का मौसम सुहावना रहता है, और ये घूमने का सबसे अच्छा समय होता है। आप यहां आकर न सिर्फ इन गुफाओं का दीदार कर सकते हैं, बल्कि आसपास के खूबसूरत नजारों का भी आनंद ले सकते हैं।

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