Chiranjeevi personal life: सिनेमा से राजनीति तक, एक मेगास्टार चिरंजीवी की प्रेरणादायक यात्रा

सिनेमा से राजनीति तक, एक मेगास्टार चिरंजीवी की प्रेरणादायक यात्रा
Chiranjeevi Personal Life: यह आर्टिकल तेलुगु सिनेमा के मेगास्टार चिरंजीवी के जीवन की कहानी पर आधारित है। इसमें उनके फिल्मी करियर की शुरुआत से लेकर उनकी व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन की उपलब्धियों का वर्णन किया गया है।

चिरंजीवी, जिन्हें 'मेगास्टार' के नाम से भी जाना जाता है, तेलुगु सिनेमा के एक प्रमुख अभिनेता हैं। उनका असली नाम कोनिडेला शिव शंकर वर प्रसाद है। 22 अगस्त 1955 को आंध्र प्रदेश के मोगलथुर गांव में जन्मे चिरंजीवी ने अपने अभिनय के जरिए सिनेमा जगत में अमिट छाप छोड़ी है। उनका सफर एक साधारण परिवार से शुरू होकर स्टारडम तक पहुंचा।

फिल्मी दुनिया में चिरंजीवी की सफलता

चिरंजीवी ने 1978 में फिल्म 'प्रणाम खारिदू' से अपने करियर की शुरुआत की। हालांकि, उनकी शुरुआती फिल्में ज्यादा सफल नहीं रहीं, लेकिन 1983 में आई फिल्म 'खैदी' ने उनकी किस्मत बदल दी। इसके बाद पसिवदी प्रणाम (1987), यामुदिकी मोगुडु (1988), 'गैंग लीडर', 'इंद्र' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों ने उन्हें तेलुगु सिनेमा का 'मेगास्टार' बना दिया। उनके अभिनय की विविधता और डांसिंग स्टाइल ने उन्हें ना सिर्फ भारत में, बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय बना दिया।

व्यक्तिगत जीवन में चिरंजीवी

चिरंजीवी का व्यक्तिगत जीवन हमेशा से चर्चा का विषय रहा है। 1980 में उन्होंने सुरेखा से शादी की, जिनसे उनके तीन बच्चे हैं - राम चरण, सुष्मिता, और श्रीजा। राम चरण भी आज तेलुगु सिनेमा के एक बड़े स्टार हैं। चिरंजीवी अपने परिवार के प्रति बेहद समर्पित हैं। अपने परिवार के साथ उनके गहरे संबंध और उनके विनम्र स्वभाव ने उन्हें लोगों के दिलों में खास जगह दिलाई है।

राजनीतिक जीवन में चिरंजीवी

2008 में चिरंजीवी ने राजनीति में कदम रखा और 'प्रजा राज्यम पार्टी' की स्थापना की। उन्होंने राजनीति में आने का मकसद गरीबों और वंचितों की मदद करना बताया। उनकी पार्टी ने 2009 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत हासिल की। हालांकि, राजनीति में उन्हें उतनी सफलता नहीं मिली जितनी फिल्मों में, फिर भी उनके प्रयासों की सराहना की गई। 2011 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में कर दिया और केंद्रीय मंत्री बने।

समाज सेवा में चिरंजीवी का योगदान

चिरंजीवी एक समाजसेवी के रूप में भी जाने जाते हैं। 1998 में उन्होंने 'चिरंजीवी चैरिटेबल ट्रस्ट' की स्थापना की, जो रक्तदान और नेत्रदान के क्षेत्र में काम करता है। यह ट्रस्ट आज तक लाखों लोगों की मदद कर चुका है। समाज सेवा में उनकी इस पहल ने उन्हें जनता के बीच और भी लोकप्रिय बना दिया है।

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