Dengue symptoms: नवजात शिशु में डेंगू के लक्षण और पहचान: ध्यान देने योग्य संकेत

नवजात शिशु में डेंगू के लक्षण और पहचान: ध्यान देने योग्य संकेत
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Dengue symptoms: इस आर्टिकल में जानें नवजात शिशु में डेंगू के लक्षण कैसे पहचानें। तेज बुखार, चिड़चिड़ापन, खाना खाने में कमी, और अन्य संकेतों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। सही समय पर पहचान और उपचार से शिशु को जल्द ठीक किया जा सकता है

नवजात शिशुओं में डेंगू के लक्षण पहचानना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, क्योंकि वे अपने लक्षणों को शब्दों में बयां नहीं कर सकते। डेंगू के लक्षण वयस्कों और बड़े बच्चों में स्पष्ट हो सकते हैं, लेकिन नवजात शिशु में ये सूक्ष्म हो सकते हैं। यहां हम कुछ महत्वपूर्ण संकेत और पहचानने के तरीके साझा कर रहे हैं, जिससे आप नवजात शिशु में डेंगू का जल्द पता लगा सकते हैं और सही समय पर चिकित्सा सहायता ले सकते हैं।

अचानक तेज बुखार

नवजात शिशु में डेंगू का सबसे प्रमुख लक्षण बुखार होता है। अगर आपके बच्चे को अचानक तेज बुखार आता है और यह 2-7 दिनों तक बना रहता है, तो यह डेंगू का संकेत हो सकता है। नवजात शिशुओं में बुखार गंभीर हो सकता है और इसका इलाज तुरंत आवश्यक है। बुखार के साथ अन्य लक्षणों पर भी ध्यान देना ज़रूरी है।

रोने की प्रवृत्ति में बदलाव

अगर आपका शिशु बिना किसी स्पष्ट कारण के लगातार रो रहा है या सामान्य से ज्यादा चिड़चिड़ा हो गया है, तो यह डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। डेंगू के दौरान नवजात शिशु को अत्यधिक बेचैनी महसूस हो सकती है, जिससे वे लगातार रो सकते हैं।

खाना खाने में कमी या दूध पीने से इनकार

यदि आपका नवजात शिशु दूध पीने से इनकार कर रहा है या खाने में रुचि नहीं दिखा रहा है, तो यह डेंगू का संकेत हो सकता है। डेंगू से शिशु का शरीर कमजोर हो सकता है, जिसके कारण उसकी भूख प्रभावित हो जाती है।

शरीर पर लाल चकत्ते (Rashes)

डेंगू के सामान्य लक्षणों में से एक है शरीर पर लाल चकत्तों का दिखाई देना। अगर आप शिशु के शरीर पर छोटे लाल चकत्ते या रैशेस देखते हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह डेंगू के संकेत हो सकते हैं, खासकर अगर अन्य लक्षण भी मौजूद हैं।

उल्टी और दस्त

अगर आपका नवजात शिशु बार-बार उल्टी कर रहा है या उसे दस्त हो रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें। यह डेंगू के गंभीर लक्षण हो सकते हैं। नवजात शिशु में उल्टी और दस्त से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, जिससे उसे डिहाइड्रेशन हो सकता है। शिशु को हाइड्रेट रखना इस स्थिति में बहुत महत्वपूर्ण है।

सांस लेने में कठिनाई

डेंगू से नवजात शिशु के शरीर में तरल पदार्थ जमा हो सकता है, जिससे शिशु को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। अगर शिशु की सांसें तेज या असामान्य रूप से चल रही हैं, तो यह डेंगू का गंभीर लक्षण हो सकता है। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

नींद में असामान्यता

यदि आपका नवजात शिशु सामान्य से अधिक सुस्त या नींद में असामान्यता दिखा रहा है, तो यह भी डेंगू के लक्षण हो सकते हैं। डेंगू से शिशु के शरीर में कमजोरी और थकावट बढ़ सकती है, जिससे उसकी गतिविधि कम हो जाती है।

मूत्र में कमी या गहरे रंग का मूत्र

डेंगू से शरीर में डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे शिशु के मूत्र की मात्रा कम हो सकती है या मूत्र का रंग गहरा हो सकता है। अगर आप अपने शिशु में इस प्रकार का बदलाव नोटिस करें, तो यह संकेत हो सकता है कि शिशु को उचित चिकित्सा देखभाल की जरूरत है।

आंखों में लालिमा या सूजन

डेंगू के कुछ मामलों में शिशु की आंखों में हल्की लालिमा या सूजन हो सकती है। हालांकि यह लक्षण बहुत सामान्य नहीं है, लेकिन अगर शिशु की आंखों में असामान्यता दिखाई दे, तो इसे नज़रअंदाज न करें।

डॉक्टर से कब संपर्क करें?

अगर आपको लगता है कि आपके शिशु में उपरोक्त में से कोई भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डेंगू का सही समय पर इलाज न होने से यह गंभीर रूप ले सकता है। शिशु की उम्र और स्थिति के आधार पर डॉक्टर विशेष जांच और उपचार करेंगे।

नवजात शिशु में डेंगू की रोकथाम के उपाय

मच्छरों से बचाव: नवजात शिशु को मच्छरों के काटने से बचाने के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें। साथ ही, मच्छरों से बचाने वाले साधनों का इस्तेमाल करें, जैसे कि मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे (जो शिशु के लिए सुरक्षित हो)।

स्वच्छता का ध्यान रखें

घर के आसपास मच्छरों के पनपने वाले स्थानों को साफ करें। पानी जमा न होने दें और कूड़ा-कचरा समय पर फेंकें।

शिशु को ढक कर रखें

शिशु को ऐसे कपड़े पहनाएं जो पूरे शरीर को ढकें, जिससे मच्छर उसे काट न सकें। हल्के रंग के कपड़े मच्छरों को आकर्षित नहीं करते हैं, इसलिए इन्हें प्राथमिकता दें।

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