krishna janmashtami: क्यों छूटी देवकी की गोद, कृष्ण का गोकुल प्रवास

क्यों छूटी देवकी की गोद, कृष्ण का गोकुल प्रवास
यह कहानी न केवल धार्मिक महत्ता को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि भगवान की योजना हमेशा हमारे भले के लिए होती है।

जन्माष्टमी का त्यौहार आ रहा इस अवसर श्रीकृष्ण के जन्म से सम्बंधित बाते आपको पता होनी चाहिए जब भी कृष्ण की बात होती है, तो हमारे मन में उनकी बाल लीलाओं की यादें ताजा हो जाती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि कृष्ण, जिनका जन्म मथुरा की जेल में हुआ, आखिर क्यों गोकुल में यशोदा की गोद में पले-बढ़े? क्या कारण था कि देवकी, जो कृष्ण की सगी मां थीं, को उन्हें गोकुल भेजना पड़ा? इस कहानी में न केवल एक मां का त्याग है, बल्कि एक एक नवजात की यात्रा भी छुपी है, जो बताती हैं की मनुष्य जन्म से संघर्ष करना होता हैं तो चलिए जानते है कैसे कृष्ण का गोकुल प्रवास उनकी जीवन यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा बना।

कृष्ण का जन्म के समय मथुरा की स्थिति

कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ, जहां उनके माता-पिता देवकी और वासुदेव राजा कंस के बंदी थे। कंस को भविष्यवाणी का डर था कि देवकी का आठवां पुत्र उसका अंत करेगा। इस लिए वह उनके प्रत्येक संतान की हत्या कर देता था।

कृष्ण के जन्म के समय चमत्कार

कृष्ण के जन्म के समय जेल में चमत्कार हुआ, जिससे वासुदेव की बेड़ियाँ खुल गईं और पहरेदार सो गए। एक आकाशवाणी हुई और वासुदेव को कृष्ण को गोकुल ले जाने का आदेश मिला।

देवकी का त्याग और वासुदेव की यात्रा

वासुदेव ने कृष्ण को एक टोकरी में रखा और गोकुल की ओर चल पड़े। यमुना नदी ने खुद रास्ता दिया, जिससे कृष्ण की सुरक्षा सुनिश्चित हो गई।

गोकुल में यशोदा की गोद में कृष्ण

गोकुल में, कृष्ण को यशोदा की गोद में रखा गया, जहां उन्होंने माखन चोरी और कालिया नाग मर्दन जैसी अद्भुत लीलाएं कीं।

कृष्ण का गोकुल में सुरक्षित बाल्यकाल

गोकुल में कृष्ण ने अपना बाल्यकाल बिताया, जहां उन्होंने साधारण लोगों के बीच रहते हुए अद्भुत लीलाएं कीं और धर्म का पाठ पढ़ाया।

Tags

Next Story