Haunted village of Rajasthan: कुलधरा गाँव: एक रहस्यमय भूतिया श्रापित गाँव की सच्चाई और अनकही कहानी

कुलधरा गाँव: एक रहस्यमय भूतिया श्रापित गाँव की सच्चाई और  अनकही कहानी
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राजस्थान का कुलधरा गाँव एक ऐसा श्रापित और रहस्यमयी स्थान है, जिसे एक रात में पूरी तरह से छोड़ दिया गया था। इस गाँव की कहानी आज भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है, लेकिन सूर्यास्त के बाद यहाँ जाने की हिम्मत कम ही लोग करते हैं। जानिए इस वीरान गाँव की अनकही कहानी और इसके पीछे के रहस्य

राजस्थान की सुनहरी रेत के बीच बसा कुलधरा गाँव, अपने समय में एक समृद्ध और खुशहाल जगह हुआ करता था। जैसलमेर से करीब 18 किलोमीटर दूर स्थित इस गाँव की कहानी जितनी पुरानी है, उतनी ही रहस्यमयी भी। आज, कुलधरा को एक वीरान, भूतिया और श्रापित गांव के रूप में जाना जाता है। ये वही जगह है जहां कभी पालीवाल ब्राह्मणों का निवास हुआ करता था, लेकिन अचानक एक रात सब कुछ बदल गया। इस गाँव के लोग ऐसा क्या देख चुके थे, जिससे पूरा गांव खाली हो गया और आज तक यहां कोई नहीं बस पाया?

कुलधरा का इतिहास

कुलधरा गाँव की शुरुआत 13वीं शताब्दी में हुई थी। पालीवाल ब्राह्मण, जो अपनी बुद्धिमानी और कृषि ज्ञान के लिए जाने जाते थे, इस गाँव में बस गए। उस समय, गाँव संपन्न था और खेती-बाड़ी का मुख्य केंद्र था। पालीवाल ब्राह्मणों की विशेषता थी कि वे जल संरक्षण के लिए विशेष तकनीकें अपनाते थे, जिससे वे रेगिस्तान में भी पानी की समस्या का समाधान कर लेते थे। हालांकि, 19वीं शताब्दी की शुरुआत में कुछ ऐसा हुआ, जिसने कुलधरा की तस्वीर हमेशा के लिए बदल दी।

गाँव का खाली होना

कहा जाता है कि जैसलमेर के दीवान सलिम सिंह, जो अत्यंत क्रूर और लालची था, उसकी नजर गाँव की एक सुंदर लड़की पर पड़ी। उसने गाँव के लोगों पर दबाव डाला कि वे लड़की की शादी उससे कर दें। सलिम सिंह के अत्याचारों से तंग आकर, गाँव वालों ने एक निर्णय लिया जो इतिहास में अमर हो गया। एक ही रात में, कुलधरा और इसके आस-पास के 83 गाँवों के लोग अचानक गाँव छोड़कर चले गए। वे कहां गए, इसका आज तक कोई पता नहीं चला, लेकिन जाते-जाते उन्होंने गाँव को श्राप दे दिया कि यहां अब कोई भी नहीं बस पाएगा। गाँव के अचानक खाली होने की यह घटना आज भी लोगों के लिए एक गहरा रहस्य बनी हुई है।

कुलधरा का रहस्य

कुलधरा गाँव में कदम रखते ही आपको चारों ओर खंडहर ही खंडहर दिखाई देते हैं। टूटी-फूटी हवेलियां, वीरान गलियां, और वह सुनसान माहौल इस गाँव की भूतिया छवि को और भी गहरा कर देता है। यहां आने वाले कई पर्यटकों और स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने यहाँ अजीबोगरीब आवाजें सुनी हैं। कुछ लोगों ने यहां रात के समय परछाइयों को भी देखा है। यहाँ का माहौल ऐसा है कि लोग दिन में तो घूमने आते हैं, लेकिन सूरज ढलने के बाद कोई यहाँ रुकने की हिम्मत नहीं करता।

भूतिया मान्यताएँ

लोकल लोगों के अनुसार, यहाँ रात के समय अजीब गतिविधियां होती हैं। लोगों का कहना है कि उन्हें अजीब तरह की आवाजें सुनाई देती हैं, कभी-कभी उन्हें ऐसा महसूस होता है कि कोई उनके पीछे चल रहा है, लेकिन जब वे मुड़कर देखते हैं तो कोई नहीं होता। इसके अलावा, कुछ लोगों ने यहाँ किसी अदृश्य शक्ति के होने का अनुभव किया है। इन घटनाओं ने कुलधरा को भूतिया स्थानों की सूची में शामिल कर दिया है। इस कारण से, यहाँ रात में रुकना सख्त मना है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

कई लोग यह मानते हैं कि कुलधरा में जो कुछ भी होता है, वह केवल लोगों की कल्पना है और इसके पीछे कोई वास्तविकता नहीं है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह कहा जा सकता है कि यहां की भूतिया घटनाएं मानसिक भ्रम या वातावरण की विशेषताओं के कारण हो सकती हैं। राजस्थान की रेगिस्तानी हवा और खंडहरों के बीच घूमने वाली आवाजें, लोगों को भ्रमित कर सकती हैं। ऐसे वातावरण में अक्सर भ्रम होना स्वाभाविक है।

कुलधरा का श्राप और वीरानी

कुलधरा गाँव एक रात में इस कदर वीरान हुआ कि आज भी इसकी वीरानी बरकरार है। कहते हैं कि गाँव के लोग जब इसे छोड़कर गए, तब उन्होंने इस जगह को श्राप दिया था। उसी श्राप का असर है कि आज भी कुलधरा और इसके आसपास के इलाकों में कोई जीव-जंतु तक कदम नहीं रखते। परिंदे भी यहाँ की सरहदों के अंदर नहीं आते। इस घटना के बाद कुलधरा के आसपास के 83 गाँवों में से अधिकांश तो धीरे-धीरे फिर से बस गए, लेकिन कुलधरा और खाभा नाम के दो गाँव आज तक वीरान हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी यहाँ फिर से कोई आबादी नहीं बस पाई है। आज ये दोनों गाँव भारतीय पुरातत्व विभाग के संरक्षण में हैं। दिन के समय पर्यटकों के लिए इन जगहों को खोला जाता है, ताकि वे इस रहस्यमयी और ऐतिहासिक स्थान का अनुभव कर सकें। लेकिन सूरज ढलने के बाद यहाँ कोई रुकने की हिम्मत नहीं करता।

कुलधरा आज

आज, कुलधरा को एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। राजस्थान सरकार ने इसे संरक्षित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। दिन में यहाँ पर्यटक आते हैं और इस रहस्यमयी गाँव की कहानियों को सुनते हैं। यह जगह ऐतिहासिक रूप से तो महत्वपूर्ण है ही, साथ ही रहस्य और भूतिया कहानियों के शौकीनों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। हालांकि, रात के समय यहाँ कोई नहीं आता और गाँव पूरी तरह से सुनसान हो जाता है। यहाँ के लोग और पर्यटक इस बात का दावा करते हैं कि रात में यहाँ अजीब घटनाएँ घटित होती हैं, जिससे गाँव की भूतिया छवि और भी गहरी हो जाती है।


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