भाजपा के गढ़ इंदौर की नौ सीटों पर कांग्रेस की नजर
विधानसभा चुनाव में हर राजनीतिक दल की नजर विशेष तौर पर मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इन्दौर पर रहती है क्योंकि इस अकेले जिले में नौ विधानसभा सीटें हैं, जो किसी भी दल को जीत दिलाने में अहम भूमिका रखती है। यहां कुछ सीटें ऐसी भी हैं, जिन पर दशकों से भाजपा काबिज है और यही सीटें कांग्रेस की नाक का बाल बनी हुई हैं। विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस की कोशिश रहेगी कि भाजपा को उखाड़कर इन सीटों पर कब्जा किया जा सके। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में जिले में मतदाताओं की संख्या 2167014 थी और यहां नौ विधानसभा सीटों में से केवल एक ही सीट पर कांग्रेस अपना कब्जा जमा सकी। बात अगर इन्दौर-4 सीट की करें तो यह सीट करीब तीन दशक से भाजपा के पास है, जो भाजपा का गढ़ मानी जाती है। इस सीट पर 2.30 लाख मतदाता हैं। वर्ष 2013 में इन्दौर जिले की नौ विधानसभा सीटों देपालपुर, इन्दौर-1, इन्दौर-2, इन्दौर-3, इन्दौर-4, इन्दौर-5, महू, राऊ और सांवेर की स्थिति क्या थी आइए जानते हैं...।
विधानसभा सीट देपालपुर
विधानसभा सीट देपालपुर 2008 में कांग्रेस के कब्जे में थी, जिस पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। यहां से मनोज निर्भय सिंह विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस के सत्यनारायण पटेल को करीब 30 हजार मतों से हराया था। वहीं बसपा के जीतू परदेशी 2017 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे।
2013 में किसे मिले कितने मत
नाम पार्टी प्राप्त मत
मनोज निर्भय सिंह पटेल भाजपा 62890
सत्यनारायण पटेल कांग्रेस 53399
जीतू परदेशी बसपा 1725
विधानसभा सीट इन्दौर-1
यहां मतदाताओं की संख्या 292997 है। इस सीट पर भी भाजपा का कब्जा है। यहां से आर्य सुदर्शन गुप्ता ने निर्दलीय उमीदवार कमलेश खंडेलवाल को करीब 54500 मतों से हराया था। वहीं कांग्रेस के प्रदीप यादव तीसरे स्थान पर रहे थे।
नाम पार्टी प्राप्त मत
आर्य सुदर्शन गुप्ता भाजपा 62890
कमलेश खंडेलवाल निर्दलीय 53399
प्रदीप यादव कांग्रेस 1725
विधानसभा सीट इन्दौर-2
इन्दौर-2 सीट पर भी भाजपा की बादशाहत जारी है। इस सीट पर भी भाजपा का ही कब्जा है। यहां से रमेश मंडोला विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस के छोटू शुक्ला को 91017 मतों से करारी शिकस्त दी थी। वहीं बसपा के राजेन्द्र चौधरी मात्र 2378 मत ही ले पाए थे।
नाम पार्टी प्राप्त मत
रमेश मंडोला भाजपा 133669
छोटू शुक्ला कांग्रेस 42652
राजेन्द्र चौधरी बसपा 2378
विधानसभा सीट इन्दौर-3
वर्ष 2013 में इस सीट पर भाजपा की ऐसी लहर चली, जिसने कांग्रेस को उड़ा दिया। यहां से भाजपा की ऊषा ठाकुर (दीदी) विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस के अश्विन जोशी को करीब 13 हजार मतों से हराया था। वहीं बसपा के इन्द्रपाल राज मात्र 683 वोट की ले पाए थे।
नाम पार्टी प्राप्त मत
ऊषा ठाकुर (दीदी) भाजपा 68334
अश्विन जोशी कांग्रेस 55016
इन्द्रपाल राज बसपा 683
विधानसभा सीट इन्दौर-4
इन्दौर-4 सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है। करीब तीन दशक से यह सीट भाजपा के पास है। इस सीट पर 2.30 लाख मतदाता हैं और यहां से मालिनी सिंह गौर विधायक हैं। इस सीट से भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी पूर्व में विधायक रह चुके हैं। मालिनी सिंह ने कांग्रेस के सुरेश मिंडा को करीब 44 हजार मतों से पछाड़ा था।
नाम पार्टी प्राप्त मत
मालिनी सिंह गौर भाजपा 91998
सुरेश मिंडा कांग्रेस 58175
ओम झावर बसपा 1182
विधानसभा सीट इन्दौर-5
देपालपुर विधानसभा सीट से चला भाजपा का जीत का कारवां यहां भी नहीं थमा। वर्ष 2008 के बाद 2013 में एक बार फिर भाजपा ने इस सीट को कब्जे में किया। वर्तमान में यहां से भाजपा के महेन्द्र हर्दिया विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस के पंकज सांघवी को हराकर जीत हासिल की थी।
नाम पार्टी प्राप्त मत
महेन्द्र हर्दिया भाजपा 106111
पंकज सांघवी कांग्रेस 91693
जयप्रकाश सिंह बसपा 1362
विधानसभा सीट महू
विधानसभा सीट महू पर भी भाजपा का कब्जा है। यहां से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय विधायक हैं। उन्होंने कांग्रेस के अंतर सिंह दरबार को करीब 12 हजार मतों से हराया था। वर्ष 2008 में यहां के बादशाह श्री विजयवर्गीय ही थे।
नाम पार्टी प्राप्त मत
कैलाश विजयवर्गीय भाजपा 89848
अंतर सिंह दरबार कांग्रेस 77632
अरुण चौहान सीपीएम 1092
विधानसभा सीट-राऊ
इन्दौर की इकलौती इस विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। यहां से जीतू पटवारी विधायक हैं। उन्होंने भाजपा को हटाकर इस सीट पर कब्जा किया था। जीतू ने भाजपा के जीतू जिराती को करीब 19 हजार मतो से हराया था। इस बार जनता में माहौल कांगे्रस के खिलाफ बताया जा रहा है। ऐसे में इंदौर जिले की कांगे्रस की नौ सीटों में से एक मात्र सीट भी खतरे में दिखाई दे रही है।
नाम पार्टी प्राप्त मत
जीतू पटवारी कांग्रेस 91885
जीतू जिराती भाजपा 73326
प्रेम सिंह गुर्जर बसपा 776
विधानसभा सीट-सांवेर
विधानसभा सीट सांवेर अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। वर्ष 2008 में यह सीट कांग्रेस के कब्जे में थी। इस दौरान तुलसीराम सिलावत यहां से विधायक थे, लेकिन 2013 में चली मोदी लहर ने तुलसीराम को दूसरे नम्बर पर ला दिया और फिर यहां से भाजपा के राजेश सोनकर विधायक बने। उन्होंने तुलसीराम को करीब 18 हजार मतों से हराकर जीत हासिल की थी। वहीं बसपा के प्रकाश परमार 2091 मत ही प्राप्त कर पाए थे।
नाम पार्टी प्राप्त मत
राजेश सोनकर भाजपा 87292
तुलसीराम सिलावत कांग्रेस 69709
प्रकाश परमार बसपा 2091