प्रत्याशियों को लेकर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया में खींचतान

प्रत्याशियों को लेकर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया में खींचतान
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हरी झंडी मिलने के बाद भी कट सकते हैं कई कांग्रेस प्रत्याशियों के नाम

भोपाल/स्वदेश वेब डेस्क। मप्र में आगामी विधानसभा चुनाव में टिकटों को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों में कलह और खींचतान मची हुई है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने गत दिवस भारी कशमकश के बाद 70 नामों पर मुहर तो लगा दी, लेकिन प्रत्याशियों को लेकर कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया में एकराय नहीं बन पाने से फिलहाल सूची का ऐलान टाल दिया गया। सूत्रो का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की नाराजगी के बाद इस सूची में कई नाम कट सकते है। इधर भाजपा में भी टिकटों को जबरदस्त जद्दोजहद मची हुई है। हालांकिप्रदेश भर में रायशुमारी के बाद प्रस्तावित नामों के पैनल को लिफाफों में बंद है। ऐसे में माना जा रहा है कि दोनों ही पार्टियां 28 अक्टूबर के बाद अपने-अपने प्रत्याशियों की सूची का ऐलान करेंगी।

कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी के घर पर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। इसमें मप्र से कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, दिग्विजय सिंह, दीपक बावरिया और अजय सिंह शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार 90 नामों पर चुनाव समिति ने मंथन किया। इसके बाद 70 नामों पर मुहर लगा दी गई। राजनगर विधानसभा सीट पर कुंवर विक्रम सिंह राजा का नाम रोक दिया गया है। इस सीट पर सत्यव्रत चतुर्वेदी ने अपने बेटे नितिन चतुर्वेदी के लिए टिकट मांगा था। इसके अलावा करीब 14 विधायकों के टिकट और रुक गए हैं। सर्वे में विधायकों का खराब परफॉर्मेंस बताई गई थी। हालांकि कांग्रेस ने सिंगल चैनल वाले नामों को हरी झंडी दी है, पर इन प्रत्याशियों की सूची भी बाद घोषित की जाएगी। लेकिन जिन-जिन सीटों पर विवाद की स्थिति बनने शुरू हुई वहां पर टिकट रोक दिए गए।

कमलनाथ लग रहे हैं नाराज

पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस चुनाव समिति द्वारा तय किए गए 70 नामों की लिस्ट में कांग्रेस सांसद और कांग्रेस चुनाव समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के नजदीकियों को वरीयता दी गई है। इससे कमलनाथ खासे नाराज है। पार्टी सूत्रों की मानें तो, कमलनाथ नहीं चाहते कि प्रदेश में ऐसे लोगों को आगे किया जाए जिनकी वजह से कांग्रेस की जीत में जरा भी संदेह हो सकता है। कमलनाथ ने प्रत्याशियों के नाम तय होने की बात पर कहा कि अभी 70 विधानसभा सीटों पर सिर्फ नामों की चर्चा हुई है। किसी के भी नाम तय नहीं किए गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अभी नामों को तय नहीं माना जाए। इस मामले पर अभी तीन-चार बैठकें और होनी हैं। कांग्रेस अंदरूनी सूत्रों के अनुसार टिकट फाइनल करने को लेकर स्क्रीनिंग कमेटी में ज्योतिरादित्य सिंधिया और अजय सिंह में तकरार होने के बात सामने आई है।

बड़े नाम उतारकर चौंकाएगी कांग्रेस

कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में यह तय हो गया कि कांग्रेस सब कुछ सीटों पर भाजपा को सरप्राइस फेस देगी। कुछ सीटों पर कांग्रेस बड़े नामों को उतारने की तैयारी में है। इसमें कांग्रेस की दूसरी पंक्ति के नेता शामिल होंगे। इनमें भोजपुर सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को वापस उतारा जा रहा है। हालांकि पिछली बार सुरेश पचौरी चुनाव हार गए थे। इसके अलावा अरूण यादव, प्रेमचंद गुड्डू , सज्जन सिंह वर्मा और मीनाक्षी नटराजन चुनाव लड़ सकते हैं।

प्रत्याशियों की सूची 28 के बाद

भाजपा और कांग्रेस दोनों टिकटों की पहली सूची 28 के बाद जारी करेगी। भाजपा ने 30 से 1 नवंबर के आसपास टिकट घोषित करने की तैयारी की है, जबकि कांग्रेस 28-29 के बाद टिकटों को घोषित करने पर विचार कर रही है। दोनों पार्टियां फिलहाल एक दूसरे के प्रत्याशियों को भी देखने के इंतजार में हैं।

कांग्रेस-भाजपा के बीच तेज हुई जुबानी जंग

भोपाल। भाजपा जिलाध्यक्ष व विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह के इस बयान के बाद कि कांगे्रस का हाथ हमेशा आंतकियो के साथ रहा है ने सियासी हलचल मचा दी है। इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि चुनाव में हार को देखते हुए भाजपा नेताओ का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है। सुरेन्द्र नाथ सिंह ने मीडिया से चर्चा में कहा कि चर्चा में रहने के लिए कांग्रेस कुछ भी कर सकती है इसी के चलते उसका हाथ हमेशा आंतकियो के साथ रहा है। श्री सिंह के इस बयान पर प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि कांग्रेस वह पार्टी है जिनके नेताओं से देश के लिए शहादत दी है भाजपा एक नेता का नाम बता दे जो देश के लिए शहीद हुआ हो। उन्होने कहा कि चुनाव में हार को देखते हुए भाजपा नेताओ का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है इसलिए वह इस तरह के अनर्गल बयान दे रहे है।

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