'चुनाव जीतने के बाद तय होगा मुख्यमंत्री'
भोपाल। मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है कि 2003 जो हाल कांग्रेस का हुआ था, इस बार के विधानसभा चुनाव में वैसा ही हाल शिवराज सरकार का होगा। जनता अब मप्र में बदलाव का मन बना चुकी है। भाजपा का हाल वैसा ही है जैसा 2003 में कांग्रेस का था। इसलिए जनता प्रदेश में बदलाव चाहती है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि 2003 से कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई थी। दिग्विजय सिंह की सरकार में सरकारी खजाना लगभग खाली हो चुका था। सडक़ें खस्ता हाल थीं। जनता ने तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार को बाहर का रास्ता दिखाते हुए भाजपा को सत्ता की चाबी सौंपी थी। वर्ष 2002-03 के दौरान सरकार पर 23 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज था। इसके बाद बनी भाजपा सरकार ने भी विकास कार्यों के नाम पर धड़ाधड़ कर्ज लिया। वर्तमान में मप्र की जीडीपी साढे 7 लाख करोड़ तक पहुंच गई है। सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में ही 31 मार्च 2016 की स्थिति में मप्र सरकार पर कर्ज की राशि एक लाख 67 हजार करोड़ से अधिक बताई थी।
कहीं कोई गुटबाजी नहीं
नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि गुटबाजी में इस बार चाहें बड़े नेता शामिल क्यों न हों लेकिन हमारे कार्यकर्ता चुनाव में कोई भी गड़बड़ी नहीं होने देंगे। कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर जमकर काम कर रहे हैं और सरकार बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। प्रदेश की कमान किस के हाथ में होगी कमलनाथ या फिर सिंधिया के सवाल पर अजय सिंह का कहना है कि आला कमान ने चुनाव से पहले मुयमंत्री चेहरे को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। पार्टी का कहना है कि चुनाव जीतने के बाद ही सीएम उमीदवार का फैसला लिया जाएगा। पार्टी हाईकमान इस का फैसला लेगा किसी और को इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहिए।