जन आशीर्वाद यात्रा से बदले समीकरण, शिवराज के प्रभाव से कई सीटों पर जीत तय

जन आशीर्वाद यात्रा से बदले समीकरण, शिवराज के प्रभाव से कई सीटों पर जीत तय
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प्रदेश में भाजपा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के बनाए गए रोडमैप पर काम कर नई ऊर्जा के साथ उभरती हुई नजर आ रही है

भोपाल। मुख्यमंत्री की जनआशीर्वाद यात्रा के बाद भाजपा की स्थिति में सुधार होने लगा है। प्रदेश में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बनाए गए रोडमैप पर काम कर भाजपा नई ऊर्जा के साथ उभरती हुई नजर आ रही है। बीते तीन महीनों से कांग्रेस की गुटबाजी और नेताओं की गतिविधियों के साथ साथ मुख्यमंत्री की सक्रियता ने यह साबित कर दिया कि भाजपा सरकार बनना तय है और कमलनाथ की तुलना में शिवराज आगे है।

सूत्रों की माने तो बीते तीन महीनों में मुख्यमंत्री का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है।लोग भाजपा की तरफ आकर्षित हो रहे है। लोगों का रुझान कांग्रेस की अपेक्षा भाजपा की ओर तेजी से बढ़ रहा है। इसी बीच शिवराज की जनआशीर्वाद यात्रा भी लोगों के मन पर तेजी से असर डाल रही है।हालांकि मंत्रियों और विधायकों के खिलाफ अभी भी लोगों का मन बदलाव की ओर है।अगर हम 2013 की तुलना करते हुए चले और ये देखें कि कितनी सीटे मुख्यमंत्री शिवराज के नाम पर फिर से जीती जा सकती है तो फिलहाल 13 विधानसभाओं की सीटे बिलकुल सुरक्षित है।

वही बघेलखंड और बुदेंलखंड की 24 सीटों पर सरकार फिर से चुनाव जीतने की स्थिति में है। महाकौशल मे भी स्थिति स्पष्ट है और 22 सीटे ऐसी है जिन पर शिवराज का अब भी दबदबा बरकरार है।लेकिन इन सब के बीच मालवा-झाबुआ-निमाड़ अंचल की बात की जाए तो यहां पर 13 सीटों पर शिवराज ने फोकस कर स्थिति को मजबूत किया है।इसके अलावा बुधनी को हटा दिया जाए तो 9 ऐसी सीटे है जहां शिवराज मंत्रियों की स्थिति काफी मजबूत है।नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह, जयंत मलैया, गौरीशंकर शेजवार, राजेन्द्र कुमार शुक्ल, गोपाल भागर्व, अर्चना चिटनिस,माया सिंह और संजय पाठक ये नौ ऐसे मंत्री है जिनके क्षेत्रों में स्थिति काफी मजबूत और लोकप्रियता ज्यादा है, ऐसे में इनकी सीटों पर भी जीत पक्की मानी जा रही है, वही मंत्री उमाशंकर गुप्ता, विश्वास सारंग, रुस्तम सिंह के क्षेत्र में स्थिति तो ठीक है लेकिन इनका अति आत्मविश्वास इन्हें खतरे में डाल सकता है। इसके अलावा भाजपा को चौथी बार सरकार बनाने के लिए 65-70 उम्मीदवारों का टिकट बदलना होगा, जिसके बाद बाकी सीटों पर जीत सुनिश्चित की जा सकती है।वही टक्कर मे चल रहे कमलनाथ ने भी कांग्रेस का ग्राफ बढ़ाया है, कांग्रेस काफी मजबूती के साथ अब आगे बढऩे लगी है।बीते चुनाव में 58 सीटे हासिल कर चुकी कांग्रेस अगर थोडा बदलाव करती है तो शायद 75 सीटे अपने पाले में ला सकती है। इसके लिए कांग्रेस को भी 18 -20 सीटों पर परिवर्तन करना होगा।अगर ऐसा होता है तो कांग्रेस भाजपा को अच्छी खासी शिकस्त दे सकती है।

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