पानी-सड़क पर छिड़ेगी लड़ाई
बालकिशन प्रजापति/टीकमगढ़। जिले की खरगापुर विधानसभा सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद दिखाई दे रही है। इसका प्रमुख कारण दोनों ही पार्टियों द्वारा किए गए काम हैं। कांग्रेस विधायक ने जहां यहां अपनी विधायक निधि से कई काम कर जनता का मन जीतने का प्रयास किया है, वहीं प्रदेश सरकार ने भी यहां कई काम कर जनता को अपनी ओर खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। यदि कांग्रेस से इस बार फिर से श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर को टिकट दिया गया तो मुकाबला कड़ा हो सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां किसानों का खासतौर पर ध्यान रखा है। खेतो तक पानी पहुंचाने के लिए बाध सुजारा परियोजना का निर्माण कार्य कराया और खेतो पर पाइप लाइन गई।
यह होंगे मुद्दे
विधायक ने भले ही अपनी राशि से यहां पर काम किए हुए हों लेकिन जनता के बीच आज भी यहां पानी व सड़क का मुद्दा हावी है। गांव के मोतीलाल पटैरिया का कहना है यहां इस बार बहुत कम बारिश हुई है जिससे पेयजल की समस्या यहां बनी हुई है। पेयजल समस्या से निपटने के लिए यहां अभी तक स्थाई प्रयास नहीं किए गए हैं।ं गोविंद कुशवाहा हरिचरण कुशवाहा का कहना है। कि गांव के कुछ क्षेत्रों में सड़क की समस्या अभी भी बरकरार बनी हुई है। इस पर कोई काम नहीं हुआ है। गांव के गोविंद लोधी बलिया आदिवासी कल्लू का कहना है। कि विधायक द्वारा पिछले 5 साल में एक बार भी उन लोगों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया है। कल्लू लोधी का कहना है। कि इन समस्याओं को लेकर कई बार गांव के लोगों ने विधायक से संपर्क भी कर चुके हैं। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है।
जातिगत समीकरण भी हावी रहेंगे
जातिगत समीकरण भी पूरी तरह से चुनाव को प्रभावित करेंगे। यहां पर पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं में लोधी जाति के लोगों का बाहुल्य है। दोनों ही पार्टियां यहां लोधी समाज से किसी को प्रत्याशी बनाती है तो मुकाबला रोचक होगा। प्रमुख दावेदारों में इस बार भाजपा से केंद्रीय मंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह लोधी टिकट के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। पूर्व संसदीय सचिव सुरेन्द्र प्रताप सिंह बेबीराजा , पूर्व विधायक अजय यादव भी चुनाव लडऩे के लिए जोर आजमाइश में लगे हुए हैं। कांग्रेस की ओर यहां के विधायक चंद्रा सुरेंद्र सिंह के कामों को देखकर इस बार भी उन्हें दोहराया जा सकता है। समाजवाटी पार्टी व बसपा का यहां ज्यादा जोर नहीं है लेकिन दोनों ही पार्टी यदि अपना प्रत्याशी खड़ा करते हैं तो मुकाबला और भी रोचक हो सकता है। समाजवादी बीएस भी भी अगर अपना उम्मीदवार चुनाव मैदान मे उतारती है।