पार्टी के कार्यकमों में रुचि नहीं लेने वाले विधायक संगठन के निशाने पर
भोपाल। चुनावी वर्ष में संगठन द्वारा तय किए गए कार्यक्रमो में रूची नही लेने वाले मंत्री-विधायक संगठन के निशाने पर आ गए है। संगठन ने लोगो से जीवंत संपर्क करने व कार्यकर्ताओ को सक्रिय करने के उद्देश्य से समय समय पर कई कार्यक्रम जिसमें विकास यात्राए,बाइक रैली आदि शामिल है,चलाए लेकिन मंत्री-विधायको के रूची नही लेने के कारण यह कार्यक्रम केवल औपचारिकता बनकर रह गए। संगठन सूत्रो का कहना है कि टिकट वितरण के समय इन मंत्री विधायको यह लापरवाही भारी पड़ सकती है।
प्रदेश में संगठन की कमजोर पकड़ के चलते विधायक व मंत्री उसके द्वारा समय-समय पर दिए जाने वाले निर्देशों को तबज्जो नहीं देते हैं। यही वजह है कि अब चुनावी साल में पार्टी के सामने मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। एंटीइनकंवेसी व लोगों में सरकार की नाराजगी को देखते हुए हर विधानसभा क्षेत्र में विकास यात्रा निकालने के निर्देश दिए गए तो भाजपा के करीब एक सैकड़ा विधायकों ने इस निर्देश का भी पालन नहीं किया। खास बात यह है कि इसमें करीब एक दर्जन से अधिक मंत्री भी शामिल हैं। अब इस मामले की रिपोर्ट प्रदेश संगठन ने तैयार कर ली है। जिसमेें पाया गया है कि यात्रा में 104 विधायकों ने रुचि नहीं दिखाई। इनमें 14 मंत्री और पहली बार जीतने वाले 44 विधायक भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि पार्टी इन्हें नान परफार्मर मान कर टिकट भी काट से वंचित कर सकती है। गौरतलब है कि विकास यात्रा सभी विधानसभा क्षेत्रों में 15 मई से 15 जून तक निकाली गई थी। इसमें सभी मंत्रियों और विधायकों को अनिवार्य रूप से शामिल होकर अपने विकास कार्य जनता को बताने के निर्देश जारी किए थे।
कई नेताओं को करपा पड़ा विरोध का सामना
विकास यात्रा के दौरान कुछ मंत्री और सांसदों का विरोध हुआ था। विधायकों को इस यात्रा के बाद भी सार्वजनिक कार्यक्रमों में विरोध का सामना करना पड़ा है। ये विरोध किसी पार्टी का नहीं बल्कि स्थानीय जनता का था जो अपने नेता से चुनाव के दौरान किए गए वादों का हिसाब मांग रही थी। संगठन ने विरोध वाले स्थानों पर इसके कारणों की पड़ताल की है यहां पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को तैनात कर दिया गया है।
प्रबुद्ध जन संपर्क अभियान
में फिसड्डी रहे
नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में चार साल पूरे होने पर भाजपा ने पूरे देश में संपर्क फार समर्थन अभियान चलाया। हर जनप्रतिनिधि को अपने क्षेत्र में 25 प्रबुद्धजनों से उनके निवास पर जाकर मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनानी थीं। और भाजपा का साहित्य देना था। इसकी तस्वीर केंद्रीय कार्यलाय के पोर्टल पर पोस्ट करनी थी। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी जबलपुर में र्बैठक के दौरान प्रबुद्धजनों से संपर्क किया था लेकिन प्रदेश के अधिकांश जनप्रतिनिधियों ने इक्का दुक्का लोगों से ही संपर्क कर काम पूरा कर लिया। अमित शाह की इस पर भी नजर है।
ऐसे लिया गया फीडबैक
विकास यात्रा का फीडबैक प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत की टीम ने लिया है। टीम ने सभी विस क्षेत्रों में अलग अलग जगह के कार्यकर्ताओं को अचानक फोन कर जानकारी ली। इसी आधार पर ये रिपोर्ट तैयार करवाई जा रही है। विधायकों से भी विकास यात्रा के संबंध में पूरी जानकारी बुलाई जा रही है। लेकिन वास्तविकता जानने के लिए संगठन ने अपनी ओर से भी फीडबैक लिया है।