टिकट के लिए वरिष्ठ नेताओं की खुशामद में जुटे कार्यकर्ता
भोपाल। विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही टिकट के लिए मान-मनौव्वल का दौर शुरू हो गया है। इसके लिए नेताओं का जमघट राजनीतिक दलों के कार्यालयों में दिखने लगा है। सबसे ज्यादा दावेदार भाजपा और कांग्रेस के कार्यालयों में पहुंच रहे हैं। टिकट की चाह रखने वाले नेता अपने राजनीतिक आकाओं के पास पहुंचकर उनसे सिफारिश लगवाने की कवायद में भी जुट गए हैं। प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले टिकट की चाह रखने वाले नेता इसकी जमावट कर रहे हैं। भाजपा सहित कांग्रेस कार्यालय में ऐसे नेताओं की भीड़ ज्यादा नजर आ रही है। बड़े नेताओं के भोपाल में रहने पर प्रदेशभर से लोग यहां आकर उनसे मेल-मुलाकात कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो ये नेता अपने साथ बायोडाटा भी लेकर आ रहे हैं और मौका मिलते ही बड़े नेताओं को अपना बायोडाटा सौंप रहे हैं, ताकि चुनाव में टिकट के दौरान उनके नामों की चर्चा हो। कई नेता तो टिकट के लिए हर तरह की सिफारिशें भी करवा रहे हैं। यही स्थिति कांग्रेस कार्यालय में भी देखने को मिल रही है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी के दौरान टिकट की चाह रखने वाले नेता उनसे मिलने की जुगत में पीसीसी पहुंचकर मेल-मुलाकात कर रहे हैं। हालांकि ऐसे बहुत कम लोग होते हैं, जो कमलनाथ से मिल पाते हैं।
सपा-बसपा में
भी बढ़ी रौनक
चुनाव के नजदीक आते ही थोड़ी-थोड़ी रौनक समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के कार्यालयों में भी देखने को मिल रही है। पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी एवं कार्यालय प्रभारी इन दिनों कुछ समय प्रदेश कार्यालयों में बैठकर लोगों से मेल-मुलाकात करने में बिता रहे हैं। सपा के प्रदेश अध्यक्ष गौरीसिंह यादव भी भोपाल प्रवास के दौरान शिवाजी नगर स्थित प्रदेश कार्यालय में बैठकर नेताओं एवं पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। इधर आम आदमी पार्टी के दफ्तर में भी चहल-पहल बढऩे लगी है। हालांकि आम आदमी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी है, लेकिन फिर भी कई दावेदार टिकट की आस में यहां पहुंच रहे हैं।
यात्राओं में भी हो रहा है शक्ति-प्रदर्शन
चुनावी साल में भाजपा-कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही यात्राओं में भी नेताओं के क्षेत्र में शक्ति-प्रदर्शन की होड़ लगी हुई है। शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा में क्षेत्रों के विधायक एवं टिकट के दावेदार नेता बड़ी संख्या में भीड़ लेकर जुट रहे हैं, ताकि टिकट के लिए उनकी दावेदारी पुख्ता हो सके। इस दौरान यात्रा मार्ग पर वे अपने बैनर-पोस्टर भी लगवा रहे हैं। यही स्थिति कांग्रेस की जन-जागरण यात्रा में होने वाली सभाओं के दौरान भी देखने को मिल रही है। यहां भी टिकट के दावेदार नेता भारी संख्या बल के साथ सभा में पहुंच रहे हैं। इस दौरान लाई गई भीड़ नेताओं के नाम के नारे और जय-जयकार भी करने से नहीं चूकती।
इनका कहना है
हर बार चुनावी साल में यह स्थिति बनती है। टिकट के दावेदार नेता अपनी दावेदारी के लिए वरिष्ठ नेताओं से मेल-मुलाकात करते हैं। हालांकि भाजपा में जब भी वरिष्ठ नेता कार्यालय में होते हैं तो उनसे मिलने के लिए उनके समर्थक एवं पार्टी पदाधिकारी पहुंचते हैं। ऐसा नहीं है कि वे यहां पर टिकट की दावेदारी के लिए ही आते हैं। भाजपा में सामान्य मुलाकात का सिलसिला चलता रहता है।
-राहुल कोठारी, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
चुनावी साल में यह स्वाभाविक प्रक्रिया होती है कि टिकट के दावेदार पार्टी कार्यालय में आकर वरिष्ठ नेताओं से मेल-मुलाकात करते हैं। इस दौरान वे लोग ज्यादा आते हैं, जो राजनीति में हस्तक्षेप रखते हैं और अपने क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। टिकट देना नहीं देना यह पार्टी स्तर पर कराए गए सर्वे के आधार पर तय होता है। चुनाव जिताऊ चेहरों के साथ बेहतर छवि वाले नेताओं को ही टिकट मिलता है, लेकिन यह वरिष्ठ नेताओं के क्षेत्राधिकार का मामला रहता है।
-जेपी धनोपिया, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस