मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का बड़ा ऐलान, मध्यप्रदेश में सभी अवैध कॉलोनियां होंगी वैध

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का बड़ा ऐलान, मध्यप्रदेश में सभी अवैध कॉलोनियां होंगी वैध
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गरीब रहवासियों से नहीं लिया जायेगा विकास शुल्क

भोपाल/वेबडेस्क। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2022 तक निर्मित सभी अनधिकृत कॉलोनियाँ वैध की जाएंगी। इन कॉलोनियों में विकास के लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध करवाई जाएगी। अधो-संरचना से जुड़ी सभी व्यवस्थाएँ की जाएंगी। पानी और बिजली के साथ ही अन्य व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएंगी। इन कॉलोनियों के गरीब रहवासियों से विकास शुल्क नहीं लिया जायेगा। जो मकान जिस रूप में बने हैं उन्हें उसी रूप में स्वीकार कर अनुमति दी जायेगी। उन्होंने कहा कि अब अगर अवैध कॉलोनी कटी तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी। अधिकारी इस पर पैनी नजर रखें। अवैध कॉलोनी बननी ही नहीं चाहिए।

मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को अपने निवास पर अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण और नागरिक अधो-संरचना विकास एवं भवन अनुज्ञा प्रदाय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी आसान बनाना सरकार का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग को इसके लिए आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अब वैध की गई कॉलोनियों के नागरिकों को बैंक ऋण मिल सकेगा। विकास के लिए विधायक एवं सांसद निधि की राशि दी जा सकेगी। कॉलोनियों में रहवासी संघ भी बनाए जाएँ। कॉलोनियाँ स्वच्छता में पीछे न रहें, इस मंशा के साथ जन अभियान प्रारंभ होना चाहिए। मकान बन जाने के बाद संपूर्ण वातावरण स्वच्छ रखना हमारा कर्त्तव्य है। स्वच्छता और सफाई पर सभी नागरिक ध्यान रखें।

नगरीय निकाय रहवासी संघ को आवश्यक सहयोग करें


उन्होंने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों को वैध किया जा रहा है। यहाँ रहवासी संघों को सभी नगरीय निकाय आवश्यक सहयोग करें। कॉलोनियों को स्वच्छ और सुंदर बनाने पर ध्यान दिया जाए। भारतीय संस्कृति में यह माना जाता है कि अपनी संतान के लिए मकान बनाना आवश्यक है। शहरों में निम्न मध्यमवर्गीय परिवार, कामकाज के लिए और बच्चों की पढ़ाई के लिए आने वाले लोग रहते हैं। उनका अपना मकान हो, ऐसी इच्छा होती है। जिंदगी भर की पूँजी मकान में पाई-पाई जोड़ कर लगाई जाती है। कई बार ऐसे भू-खंड ले लेते हैं जो अनधिकृत होते हैं। उस पर मकान निर्मित हो जाने के बाद उसके अवैध होने की जानकारी मिलती है। यह नागरिकों के साथ न्याय नहीं है। अनधिकृत होने के कलंक को मिटाना है। अपना आशियाना बनाना अवैध नहीं है। राज्य सरकार ग्रामों में मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना संचालित कर रही है। शहरों में भी वर्षों पुराने पट्टाधारियों को मालिक बनाया जा रहा है। इसी तरह जीवन भर परिश्रम से अपनी अर्जित कमाई लगा कर मकान बनाने वालों को अनधिकृत नहीं मान सकते। कॉलोनाइजर गड़बड़ न करें, इस पर भी नियंत्रण आवश्यक है।

शहरों में गरीबों को मिलेगा 5 रुपये में भोजन

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कामकाज के लिए शहर आने वाले गरीबों को दीनदयाल रसोई योजना में पांच रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जाए। प्रदेश में कोई व्यक्ति भूखा नहीं सोये। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जाये लेकिन इसमें संतुलन रखें। ठेले वालों की रोजी-रोटी पर संकट नहीं आना चाहिए। उन्होंने कुछ नागरिकों को प्रतीक स्वरूप अनुज्ञा प्रमाण-पत्र प्रदान किए।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि अभी 31 दिसम्बर 2016 तक की 6077 अनधिकृत कॉलोनियों को वैध करने की कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि अगर 31 दिसम्बर 2022 तक की अनधिकृत कॉलोनियों को वैध करने का निर्णय लिया जाए तो अतिरिक्त रूप से 2500 कॉलोनियों के रहवासी लाभान्वित हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि इन कॉलोनियों में बने ऐसे मकान जो कंपाउंडिंग की सीमा में आ रहे हैं, उनके नक्शे पास किये जाये। गरीब रहवासियों से विकास शुल्क लेने का प्रावधान समाप्त किया जाये तो इससे लाखों गरीब लाभान्वित होंगे। कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया ने भी संबोधित किया।

प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि 6 हजार 77 पात्र कॉलोनियों का प्रारंभिक प्रकाशन किया जा चुका है। इनमें से 1662 कॉलोनियों के अभिन्यास का प्रारंभिक प्रकाशन, 1336 कॉलोनियों के अभिन्यास का अंतिम प्रकाशन और 1122 कॉलोनियों में भवन अनुज्ञा देने का कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। आज 500 भवन अनुज्ञा प्रमाण-पत्र वितरित किये जा रहे हैं। सभी पात्र कॉलोनियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया 30 जून तक पूरी कर ली जाेगी। सभी जिलों में कार्यक्रम किये गये। मुख्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण नगरीय निकायों में किया गया। नगर पालिका निगम भोपाल की महापौर मालती राय ने आभार माना।

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