भारत माला फेस-1 में शामिल हुआ अटल प्रोग्रेस वे, 3 जिले होंगे लाभान्वित

भारत माला फेस-1 में शामिल हुआ अटल प्रोग्रेस वे, 3 जिले होंगे लाभान्वित
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  • मुख्यमंत्री शिवराज ने जताया आभार
  • केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद विवेक शेजवलकर ने जताया आभार

भोपाल। भारत शासन के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने गुरुवार को मध्यप्रदेश की महत्वाकांक्षी अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को भारत माला फेस-1 में शामिल करने की स्वीकृति जारी की है। चंबल संभाग के भिण्ड मुरैना एवं श्योपुर जिलों से होते हुए यह पूर्णतः नया एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में 404 किलो मीटर लंबाई का होगा, जो पूर्व में झाँसी (उत्तर प्रदेश) से तथा पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए निर्मित किया जायेगा। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी अनिल वशिष्ठ ने दी।

उन्होंने बताया कि मख्युमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस-वे के भारतमाला फेस -1 में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी का आभार माना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चबंल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी। इस 404 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रसे-वे के आस-पास इंडस्टियल कोरिडोर का निर्माण कराया जायेगा। जो क्षेत्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी।

केंद्रीय मंत्रियों ने जताया आभार -

इसके साथ ही केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, ग्वालियर सांसद विवेक शेजवलकर ने भी केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी का आभार व्यक्त किया।

3 जिले होंगे लाभान्वित -

इस मार्ग के निर्माण से झाँसी (उत्तर प्रदेश) से कोटा (राजस्थान) का एक प्रमुख नया मार्ग जुड़ेगा, जो मध्यप्रदेश के 3 जिलों को लाभान्वित करेगा। इन दोनों बिन्दुओं की दूरी में भी लगभग 50 किलोमीटर की बचत होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में अवागमन में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जायेगा।

एक्सप्रेस-वे के साथ औद्योगिक क्षेत्रों का होगा विकास -

चंबल नदी के किनारे-किनारे बनाये जाने वाले इस नये एक्सप्रेस-वे में मध्यप्रदेश शासन ने औद्योगिक, व्यावसायिक एवं विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में निवेश आमंत्रित करने के लिये अग्रिम तैयारी की है। एक्सप्रेस-वे में लगने वाली समस्त भूमि राज्य शासन द्वारा अपने व्यय पर उपलब्ध कराई जा रही है। इस परियोजना पर लगभग 7000 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है। इस एक्सप्रेस-वे को 7 विभिन्न पैकजों के माध्यम से बनाये जाने की तैयारी है।



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