मध्यप्रदेश में भाजपा की बारात का दूल्हा कौन होगा? ऐसे सवालों के जवाब में पार्टी ने दूल्हों की कतार खड़ी कर दी

मध्यप्रदेश में भाजपा की बारात का दूल्हा कौन होगा? ऐसे सवालों के जवाब में पार्टी ने दूल्हों की कतार खड़ी कर दी
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भोपाल में आयोजित भाजपा कार्यकर्ता महाकुंभ के दौरान मंचस्थ भाजपा नेता

मप्र चुनाव 2023 के लिए भाजपा की दूसरी सूची ने बड़े नेताओं के नए प्लेसमेंट को लेकर चौकों - छक्कों की बौछार कर दी है।

भोपाल। सोमवार को भोपाल में हुए भाजपा के कार्यकर्ता महाकुंभ में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंच से मध्य प्रदेश के किसी नेता का नाम नहीं लिया तो सोशल मीडिया पर जाने या या कयास लग गए... लेकिन शायद वह चंद घंटों बाद चले जाने वाले भाजपा के मास्टर स्ट्रोक का संकेत था।

शाम को भाजपा ने विधानसभा चुनाव के उमीदवारों की दूसरी सूची जारी कर जो धमाका किया, उसने जाने कितने ही किलों और अरमानों को ध्वस्त कर दिया। जो लोग पिछले कई दिनों से भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी ताकत से यह सवाल पूछ रहे थे कि इस बार मध्य प्रदेश में भाजपा की बारात का दूल्हा कौन होगा, ऐसे सभी सवालों के जवाब में भाजपा ने दूल्हों की कतार खड़ी कर दी है। 39 उमीदवारों की पहली सूची ने जहां अपनी टाइमिंग को लेकर चौंकाया था, वहीं भाजपा की दूसरी सूची ने नेताओं के नए प्लेसमेंट को लेकर चौकों छकों की बौछार कर दी है।


पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों सहित सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतार दिया है। इस सूची में जो केंद्रीय मंत्री विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए भेजे जा रहे हैं उनमें नरेंद सिंह तोमर, फग्गनसिंह कुलस्ते और प्रहलाद पटेल शामिल हैं। नरेंद्र सिंह तोमर तो इस समय मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक हैं। जिन सांसदों को विधायक का चुनाव लड़वाया जा रहा है उनमें राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक, उदय प्रताप सिंह का नाम है।


इतना ही नहीं पार्टी ने अपने राष्ट्रीय महामंत्री और चर्चित नेता कैलाश विजयवर्गीय को भी इंदौर से चुनाव में उतार दिया है। यानि नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश चुनाव में अपनी टीम के कई सदस्यों को दांव पर लगा दिया है, तो यह समझ लेना चाहिए कि भाजपा इस चुनाव को कितनी गंभीरता और कितनी ताकत झोंक कर लड़ने जा रही है। जिस तरह से यह सूची आई है उससे निश्चित रूप से कई दिग्गजों की धड़कनें सीना फाड़कर बाहर आने लगी होंगी।

अब यह भी तय है कि मध्य प्रदेश भाजपा की चुनावी रणनीति में वर्तमान विधानसभा में बैठा पार्टी का कोई भी सदस्य निरापद नहीं है... कोई भी याने कोई भी... और शायद बचे खुचे केंद्रीय मंत्री भी... और हां, एक बात और... हमेशा की तरह इस बार भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी ने फिर तमाम कयासबाजों को धूल चटा दी है।

जो सूची जारी हुई है उसमें जारी करने की तारीख 25 सितंबर 2023 है लेकिन प्रेस नोट की दूसरी ही लाइन में एक और चौंकाने वाला खुलासा है कि यह सूची 13 सितंबर 2023 को हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में ही फायनल हो गई थी। यानी 12 दिन पहले। सोचना होगा उस मीडिया को जो खबरों को दूर से ही सूंघ लेने का दंभ भरता है। 12 दिन से सूची फायनल पड़ी थी और किसी को भनक तक नहीं लगी। और पार्टी की गोपनीयता और अनुशासन देखिए, या मजाल जो एक भी नाम बाहर आया हो...

वैसे नरेंद्र मोदी हमेशा इसी तरह मीडिया के मजे लेते रहे हैं... आप सहमत हों या न हों पर उनका स्टाइल है तो सबसे अलग... जहां तक मध्य प्रदेश में मुय विपक्षी दल कांग्रेस का सवाल है यह उसके लिए दूसरा बड़ा झटका है... और अभी तो पार्टी शुरू हुई है... आगे-आगे देखिए होता है या...

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