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मुख्यमंत्री चौहान का बड़ा ऐलान, संत रविदास के नाम पर बनेगा ग्लोबल स्किल पार्क
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे।मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया।
संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित -
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी "सबका साथ-सबका विकास" के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है।
उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा।
चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी।
महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना -
चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए।
मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा -
मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।