तथ्य ही सत्य और अर्ध सत्य के बीच की दूरी को पाटता है : अनंत विजय

तथ्य ही सत्य और अर्ध सत्य के बीच की दूरी को पाटता है : अनंत विजय
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चित्र भारती फ़िल्म फेस्टिवल में आयोजित मास्टर क्लास में हुई मास मीडिया में अवसर और चुनौतियों पर चर्चा

भोपाल। भारतीय चित्र साधना द्वारा आयोजित चित्र भारती फिल्म फेस्टिवल में 26 मार्च को चौथी मास्टर क्लास में 'मीडिया में अवसर और चुनौतियां' विषय पर वरिष्ठ पत्रकार श्री अनंत विजय और आरजे जॉकी श्री शरत भट्टत्रिपदि ने संवाद किया। विजय ने कहा कि पत्रकारिता एक चौराहे पर खड़ी है और मैं जबसे उसे देख रहा हूं, वो वहीं पर ही खड़ी है। पत्रकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है कि सत्य को सामने रखना। एक अच्छे पत्रकार को तथ्यों के पीछे भागना चाहिए। उन्होंने कहा कि भाषा तो एक नदी है, उसे बहने दीजिए, उससे आग्रह-दुराग्रह नहीं करना चाहिए।


मीडिया में रोजगार के अवसर पर एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि नौकरियां बहुत हैं, लेकिन कुशलता की कमी है। आप कुशल बनिए, नौकरियां आपके इंतेजार में हैं। श्री विजय ने कहा कि सत्य कहना पत्रकार की जिम्मेदारी है। समाचार में एजेंडा नहीं आना चाहिए। पत्रकार को खबर परखने की समझ होनी चाहिए। अच्छे कंटेंट की भूख सबको है, पाठक खुद आपके पास दौड़कर आएगा। एक खबर को खबर के हिसाब से लिखना चाहिए, मूड के हिसाब से नहीं।

बड़े शहरों का कंटेंट खोखला है -


रेडियो इंडस्ट्री के सुपरिचित नाम श्री शरत भट्टत्रिपदि ने कहा कि बड़े शहरों में कंटेंट खोखला है। वहीं, छोटे शहरों में कंटेंट की भरमार है। उन्होंने कहा कि लोगों को स्वाभाविक भाव पसंद आते हैं। इसके अलावा उन्होंने विद्यार्थियों को ऑडियो के क्षेत्र में अवसरों से भी परिचित कराया और उनका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि ऑडियो के क्षेत्र में विद्यार्थी पॉडकास्टर, आरजे, स्टोरी टेलर और डबिंग आर्टिस्ट के रूप में भी कार्य कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये कहानी कहने का समय है। कहानी कहना तो हमारे संस्कारों और संस्कृति में है। अपनी संस्कृति को अपनाना ही कंटेंट है और यही हमें विश्वविजेता बनाएगा।

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