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आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में महिला स्व-सहायता समूहों की अहम भूमिका
भोपाल। प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में महिला स्व-सहायता समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका है। सरकार द्वारा उन्हें विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए आगामी समय में 1433 करोड़ रूपए के कार्य दिलाए जाएंगे। स्व-सहायता समूहों की महिलाएं अपने गांव और क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार स्थानीय वस्तुओं का निर्माण करें। उन्हें बाजार उपलब्ध कराने में सरकार उनकी मदद करेगी। ये बात सीएम शिवराजसिंह ने वीडियो कांफ्रेसेंसिंग के दौरान कहीं। उन्होंने आज वीडियो कान्फ्रेंसिंग एवं वेब लिंकिंग के माध्यम से प्रदेश के महिला स्व-सहायता समूहों की लगभग 10 लाख महिलाओं को संबोधित किया।
कोरोना से लड़ाई में महिला समूह आदर्श बनें-
इस दौरान सीएम ने कहा की कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में अपने गांव और क्षेत्र को जागरूक करने में महिला स्व-सहायता समूह आदर्श बनें। वे अपने गांव व क्षेत्र में कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाएं। दो गज की दूरी (6 फीट), सैनेटाईजेशन, बार-बार हाथ धोना, सार्वजनिक स्थानों पर न थूकना आदि ऐसे हथियार हैं, जिनके माध्यम से हम कोरोना को हरा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 'मैं आपको यह महत्वपूर्ण जवाबदारी दे रहा हूँ, आप यह महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं'।
महिलाओं को बनाया जाएगा आर्थिक रूप से सशक्त-
सीएम ने घोषणा करते हुए कहा की महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए लगभग 400 करोड़ रूपए की लागत का विद्यार्थियों के लिए गणवेश बनाने का कार्य, आजीविका विकास के लिए 65 करोड़ रूपए के कार्य, मुर्गी पालन, भेड़ पालन के लिए 12 करोड़ रूपये के कार्य, 90 हजार पीपीई किट निर्माण के लिए 4.56 करोड़ रूपए के कार्य, टेक होम राशन तैयार करने के लिए 700 करोड़ के कार्य तथा गौशाला, पशु शेड, मुर्गी शेड, बकरी शेड, खेत तालाब, मेड बँधान, वृक्षारोपण आदि के लिए 252 करोड़ रूपये के कार्य दिलाए जाएंगे।
लॉकडाउन अवधि में महिला स्व सहायता समूह ने किये उल्लेखनीय कार्य -
लॉकडाउन की अवधि में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा किये गए उल्लेखनीय कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा 20 हजार से अधिक स्व-सहायता समूह सदस्यों द्वारा 105 लाख से अधिक मास्क बनाकर विक्रय किए गए, जो कि सभी राज्यों में सर्वाधिक है। समूहों द्वारा 90 हजार 537 लीटर सैनिटाइजर, 17 हजार 131 लीटर हैण्ड वॉश बनाकर विक्रय किया गया। इसके अलावा 97 हजार 318 सुरक्षा उपकरण किट बनाए गए, 05 जिलों के 20 समूहों के 222 सदस्यों एवं 01 उत्पादक कंपनी ने गेहूँ उपार्जन का कार्य किया। इसके अलावा सब्जी एवं किराना वितरण, दूध उत्पादन एवं घर-घर वितरण कार्य किया गया।
बीसी सखियों द्वारा जनधन खाता धारकों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान की गई, जिनके माध्यम से 03 अप्रैल 2020 से आज दिनांक तक 20.59 करोड़ रूपये से अधिक का व्यापार इन सखियों द्वारा किया गया। महिला एस.एच.जी द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन एवं अन्य व्यवस्था में सहयोग, महामारी की जानकारी के प्रचार में सहयोग, एप के माध्यम से खाद्य सामग्री का वितरण तथा दीवार पर पेंटिंग से जागरूकता जैसे अनेक कार्य किए गए हैं।