स्वदेश लौटते ही मुख्यमंत्री की बड़ी कार्रवाई: खाद के कालाबाजारियों पर टूट पड़ी सरकार, गड़बड़ी करने वाले 71 कारोबारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज...

खाद के कालाबाजारियों पर टूट पड़ी सरकार, गड़बड़ी करने वाले 71 कारोबारियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज...
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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने विदेश यात्रा से लौटते ही सबसे पहले किसानों की सुध ली। उन्होंने रबी सीजन में खाद के वितरण एवं भंडारण की समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने खाद का अवैध भंडारण करने वाले और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं। जिन स्थानों से वितरण संबंधी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहां दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए।

इसी तरह वितरण केन्द्रों की संख्या बढ़ाना आवश्यक हो, उन स्थानों पर अविलंब ऐसे प्रबंध किए जाएं। किसानों को कोदो-कुटकी के उत्पादन के लिए भी प्रोत्साहित किया जाए। अभी तक प्रदेश में उर्वरकों के अवैध भंडारण, अवैध परिवहन और कालाबाजारी के 71 प्रकरणों में एफआईआर दर्ज की गई है।

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में पूर्व वर्ष में 470 उर्वरक विक्रय केन्द्र थे। वर्तमान में प्रदेश में 761 विक्रय केन्द्र और काउंटर्स द्वारा वितरण का कार्य किया जा रहा है।

विपणन संघ, मार्केटिंग सोसायटी और एमपी एग्रो द्वारा केन्द्रों का सुचारू संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में गुणवत्ता नियंत्रण के अंतर्गत 10 हजार से अधिक नमूने विश्लेषित किए गए। कुल 45 लायसेंस निलंबित किए गए हैं।

अधिकारी सोशल मीडिया पर लें संज्ञान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सोशल मीडिया पर और अन्य जनमाध्यमों से उर्वरक वितरण की शिकायतें प्राप्त होने पर सभी संबंधित विभागों और एजेंसियों के अधिकारी अविलंब संज्ञान लें और शिकायतों को दूर करें।

प्रदेश में फसलों की बोवनी लगभग दो तिहाई क्षेत्र में हो चुकी है। 28 नवम्बर 2024 तक 32.44 लाख मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध हैं। इनमें 21.34 लाख मेट्रिक टन का विक्रय हो चुका है और 11.10 लाख मेट्रिक टन उर्वरक शेष है। दिसम्बर माह में इनकी उपलब्धता लगभग 20 लाख मेट्रिक टन रहेगी।

उर्वरक मंत्री और रेल मंत्री से करेंगे बात

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों को वितरण के लिए निरंतर और नियमित रूप से आवश्यक उर्वरक प्राप्त हो रहे हैं। भविष्य में भी यह व्यवस्था सुचारू रहे, इस उद्देश्य से वे केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा एवं रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव से आग्रह करेंगे। वर्तमान में प्रदेश में विभिन्न जिलों के लिए रेल से 11 रैक पाईंट के लिए यूरिया का प्रदाय हो रहा है।

आगामी सप्ताह यूरिया सहित डीएपी, एनपीके और टीएसपी के रैक टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, कछपुरा, झुकेही, शहडोल, इटारसी, गुना, अशोकनगर, मेघनगर, खंडवा, शाजापुर, मंडीदीप, खंडवा, ब्यावरा, शिवपुरी, डबरा, बैतूल आदि के लिए आएंगे। दिसम्बर महीने के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। भारत सरकार का पूर्ण सहयोग प्रदाय व्यवस्था में मिल रहा है।

इन जिलों में प्ररकण दर्ज

किसानों के हित में उर्वरक व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है। दोषियों के विरूद्ध गत सात दिवस में 11 एफआईआर दर्ज हुई हैं। इस सीजन में कुल 71 एफआईआर दर्ज हुई हैं, इनमें प्रदेश में उर्वरक के अवैध भंडारण पर 27, अवैध विक्रय पर 17, कालाबाजारी पर 10, अवैध परिवहन पर 7, अमानक उर्वरक पर 5, पीओएस मशीन से विक्रय नहीं करने पर 3 और नकली उर्वरक के विक्रय पर 2 एफआईआर दर्ज हुई हैं। प्रदेश भर में यह कार्यवाही निरंतर चल रहा है।

प्रदेश के कुछ जिलों में किसानों के हित में बेहतर वितरण व्यवस्था से संबंधित नवाचार किए गए हैं। विदिशा जिले के कुरवई में खाद और बीज दुकानों की जाँच कर सैम्पल लिए गए। जबलपुर में कालाबाजारी की शिकायतों पर सख्त कार्यवाही की गई।

किसानों को फसलों में पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए वैकल्पिक उर्वरकों के इस्तेमाल का परामर्श भी दिया गया। छतरपुर जिले में अवैध भंडारण पर एफआईआर कर दोषी व्यापारियों पर केस दर्ज किए गए। आगर-मालवा, बैतूल, देवास, बालाघाट, बुरहानपुर, झाबुआ, शिवपुरी, मंदसौर, श्योपुर, हरदा और खंडवा जिलों में भी सख्त कार्यवाही कर अवैध व्यापार करने वालों को दंडित किया गया है।

नवाचारों में टीकमगढ़ में काउंटर संख्या बढ़ाकर वितरण व्यवस्था को आसान बनाया गया। छिंदवाड़ा में रबी फसल की तैयारी के लिए किसानों के लिए मार्गदर्शी कार्यशाला आयोजित की गई।

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