मप्र की विकास दर देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक : मुख्यमंत्री

मप्र की विकास दर देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक : मुख्यमंत्री
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बुरहानपुर में मसालों की खेती पर कार्यशाला को किया वर्चुअली संबोधित

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश कृषि के क्षेत्र में नित नए रिकॉर्ड स्थापित कर रहा है। इस साल मध्यप्रदेश की विकास दर 19.7 प्रतिशत है, जो देश के सभी राज्यों में सबसे अधिक है। कोविड काल में भी हमने विकास की अद्भुत दर प्राप्त की है। इसमें सबसे बड़ा योगदान कृषि का है।

मुख्यमंत्री चौहान रविवार को बुरहानपुर जिले में मसालों की खेती पर आयोजित एक कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में मसाले हमारे देश से जाते रहे हैं। दक्षिण भारत के राज्य इस क्षेत्र में आगे हैं लेकिन जिस तरह बुरहानपुर में मसालों का उत्पादन हो रहा है, उसे देखते हुए मुझे पूरा विश्वास है कि मसालों के निर्यात में बुरहानपुर का विशिष्ट स्थान होगा।

उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में सिंचाई की सुविधाओं का हमने लगातार विस्तार किया है। यहां कभी साढ़े सात लाख हेक्टेयर में सिंचाई होती थी, अब 43 लाख हेक्टेयर तक कर रहे हैं और इसे बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर तक ले जाएंगे। गेहूं के उत्पादन में आज मध्यप्रदेश हिन्दुस्तान में नंबर एक पर पहुंच गया है, पंजाब तक को हमने पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि बुरहानपुर जिला नकदी फसलें लेने वाला जिला है। हमारे परिश्रमशील किसानों की मेहनत का जवाब नहीं है। बुरहानपुर के हमारे किसानों ने अपनी मेहनत से कई रिकॉर्ड कायम किये हैं। केला बुरहानपुर की पहचान है। बुरहानपुर कपास के लिए भी जाना जाता है। यह सब संभव हुआ, क्योंकि आप टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हैं और नवीनतम विधियों को भी अंगीकृत करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात बार बार-बार कही कि फसलों का विविधिकरण करो, केवल परंपरागत फसलें नहीं, फलों की खेती, फूलों की, मसालों की खेती भी जरूरी है। मुझे खुशी है कि मसाला फसलों के उत्पादन में भी बुरहानपुर ने अलग स्थान बनाया है। बुरहानपुर में हल्दी, अदरक, धनिया, प्याज विपुल मात्रा में उत्पादन हो रहा है। जिस गति से बुरहानपुर में मसाला फसलों का उत्पादन हो रहा है, तो हम जल्द ही इसका प्रोसेस कर देश और विदेश में भी एक्सपोर्ट कर सकेंगे। उन्होंने किसान भाइयों से आग्रह करते हुए कहा कि हम धीरे-धीरे प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ें, ताकि हमारी धरती के साथ-साथ मनुष्य भी स्वस्थ रह सके। गाय, गौमूत्र के उपयोग से बनने वाले कीटनाशक का उपयोग कर हम केमिकल कीटनाशकों के दुष्प्रभाव से फसलों को बचा सकते हैं।

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