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कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के चेहरों पर आई मुस्कान, CM शिवराज ने मनाई दिवाली
भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना काल के दौरान अनाथ हुए बच्चों के लिए दिवाली का दिन खुशियों भरा रहा। मुख्यमंत्री निवास में 'मुख्यमंत्री कोविड -19 बाल सेवा योजना' के हितग्राही बच्चों के साथ सीएम शिवराज ने पत्नी साधना सिंह के साथ गुरुवार को हर्षोल्लास के साथ दीपावली त्योहार मनाया । इस दौरान मुख्यमंत्री ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और उन्हें जीवन में सतत आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी ।
मेरे बच्चों, दु:खी मत होना, मन भारी मत करना। यह सच है कि माता-पिता हमारी सबसे अमूल्य पूंजी होते हैं, उनकी कमी कोई पूरी नहीं कर सकता।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 4, 2021
मैं इतना जरूर तुमसे कहता हूं, उन्हें तो हम नहीं ला सकते, लेकिन उनकी कमी महसूस ना हो, इसकी हरसंभव कोशिश हम जरूर करेंगे। #AaoFirSeDiyaJalayen pic.twitter.com/LIfir6b5fS
इस दौरान सीएम हाउस में भोपाल, सीहोर, रायसेन, विदिशा, राजगढ़ और होशंगाबाद जिलों के 50 अनाथ बच्चे शामिल हुए । इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अन्य जिलों के बच्चों के साथ वर्चुअल मुलाकात भी की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा, ''मेरे इन प्यारे बच्चों के साथ आज बिताया गया हर पल जीवन के सबसे अमूल्य क्षणों में से एक है। मेरे बच्चों, जीवन में जो सपने आपने देखे हैं, उसे पूरा करने में तुम्हारा ये मामा कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा ।''
उन्होंने कहा, "कोविड के कारण जो बच्चे अनाथ हो गए हैं, हम बच्चों के माता-पिता वापस नहीं ला सकते लेकिन उन्हें मां-बाप का स्नेह और प्यार तो दे ही सकते हैं। आज पूरे दिल से हृदय से और मन से बच्चों को बुलाया है। उनकी आंखों में आंसू न रहें, उन्हें प्यार मिलता रहे। यह प्रयत्न हमारा लगातार जारी रहेगा। ऐसे बच्चों के माता-पिता की कमी को हम दूर नहीं कर सकते लेकिन उनकी कमी महसूस ना हो, हम पूरा प्रयास करेंगे। जब तुम अच्छा करोगे, आगे बढ़ोगे, उनके मन में भी संतोष होगा। हमें दु:खी नहीं होना, उनके नाम को रोशन करना है। कुछ करने की ठानो, कुछ बनने की ठानो।"
इसके साथ ही मुख्यमंत्री चौहान ने बच्चों से कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय, जिन्होंने एक विचारधारा हमको दी। उनके माता-पिता भी बचपन में ही नहीं रहे। ऐसे अनेक लोग हैं, जिन्होंने बचपन में अपने माता-पिता को खो दिया लेकिन दुनिया में नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि बच्चों! मैं आपकी पढ़ाई के रास्ते में कोई बाधा नहीं रहने दूंगा, कोशिश आपको करनी है। साधन हम जुटाएंगे, आगे आपको बढ़ना है। आगे बढ़ने के लिए एक लक्ष्य हमको तय करना पड़ता है। एक टारगेट। जो दृढ़ निश्चय कर लेते हैं, वो बनकर ही रहते हैं । हम जो लक्ष्य तय करें, उसमें पूरी तन्मयता से जुट जाएं। हम बड़े तब बनते हैं जब मन में कुछ ठानकर उसे पूरा करें।
कार्यक्रम के दौरान जब बच्चों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी भोजन कर रहे थे, उसी दौरान एक बच्ची ने जो गाना गाया, उसने बरबस सभी को भावुक कर दिया। बच्ची ने गाया था कि चंदा मामा से प्यारा मेरा मामा...। इसके साथ ही मां तू कितनी भोली है। दोनों भावुक गीतों को सुन शिवराज और साधना सिंह अपने को रोक नहीं सके और भावुकता में दोनों के ही आंखों से आंसू बह निकले । इसके बाद मुख्यमंत्री ने अपनी पत्नी संग सभी बच्चों को मुख्यमंत्री आवास का भ्रमण कराया।