मुख्यमंत्री शिवराज ने विश्व टाइगर दिवस की दी बधाई, कहा- टाइगर बचाएगा और बढ़ाएगा

मुख्यमंत्री शिवराज ने विश्व टाइगर दिवस की दी बधाई, कहा- टाइगर बचाएगा और बढ़ाएगा
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भोपाल। आज विश्व टाइगर दिवस है। इस अवसर पर टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश की वाइल्डलाइफ टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि टाइगर बचाने के लिए प्रदेश में हमारी वाइल्डलाइफ की टीम द्वारा किए गए कार्य अभिनंदनीय हैं। विशेष प्रयत्नों से बाघों की संख्या मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रही है। हम टाइगर स्टेट के रूप में कटिबद्ध हैं बाघों को बचाने के लिए भी और बढ़ाने के लिए भी।

मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -"टाइगर प्रकृति की अनमोल धरोहर के साथ ही हमारा राष्ट्रीय पशु और मध्य प्रदेश की शान भी हैं। सम्पूर्ण विश्व में टाइगर संरक्षण के क्षेत्र में हमारे प्रदेश ने एक विशेष पहचान स्थापित की है। इस विश्व टाइगर दिवस पर हम इनके संरक्षण के लिए प्रयास का संकल्प लें।"

टाइगर स्टेट आफ इंडिया -

उन्होंने कहा कि -"टाइगर स्टेट आफ इंडिया के रूप में मध्यप्रदेश स्थापित है। मैं टाइगर पार्क और वाइल्डलाइफ से सम्बंधित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों सहित इस काम में लगी पूरी टीम को बधाई देता हूं। हमें भौतिक प्रगति और पर्यावरण में संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता है। टाइगर भी बचें और बाकी वन्यप्राणी भी स्वतंत्र विचरण करें, इससे प्रकृति का चक्र पूरा होता है। मध्यप्रदेश टाइगर्स को बचाने के साथ ही बढ़ाने के लिए भी कटिबद्ध है।"

टाइगर्स की संख्या लगातार बढ़ी -

मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट किया है भवानी प्रसाद मिश्र जी ने कहा था, 'सतपुड़ा के घने जंगल, ऊंघते अनमने जंगल।' इन जंगलों में विशेष प्रयत्नों के द्वारा टाइगर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वाइल्डलाइफ के बिना हमारा जीवन अधूरा है, प्रकृति का चक्र ऐसा है कि टाइगर के बिना सृष्टि नहीं चल सकती है।टाइगर के संरक्षण के लिए प्रदेश में टाइगर पार्क और वाइल्डलाइफ की टीम द्वारा जो प्रयत्न किए गए हैं, वो अभिनंदनीय हैं। चाहे पन्ना में फिर से टाइगर बसाने का मामला हो, या सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व, जिसकी अपनी एक अलग पहचान है। यह प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है।

पुस्तक का विमोचन -

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विश्व टाइगर दिवस के अवसर पर 'सतपुड़ा फील्ड गाइड' पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक से सफारी गाइड्स और नैचुरलिस्ट्स को वाइल्डलाइफ को समझने में मदद मिलेगी।

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