किसानों की आय दोगुनी करने के लिए तकनीक को कृषि क्षेत्र से जोड़ना जरुरी : मुख्यमंत्री

किसानों की आय दोगुनी करने के लिए तकनीक को कृषि क्षेत्र से जोड़ना जरुरी : मुख्यमंत्री
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भोपाल। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि विज्ञान के क्षेत्र में हो रही नवीनतम खोजों और विकसित हो रही तकनीक को किसान के खेत से जोड़ना जरूरी है। एग्री जीनोमिक्स ऐसा वैज्ञानिक क्षेत्र है, जिससे अधिक उपज, कीट प्रतिरोधक क्षमता और फसल की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकती है। किसानों को अद्यतन वैज्ञानिक जानकारियाँ उपलब्ध कराने में नंदकुमार सिंह चौहान (एन.के.सी.) सेंटर फॉर जीनोमिक्स रिसर्च मील का पत्थर साबित होगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरूवार को कही हैं। चौहान न्यूक्लियोम इंफॉर्मेटिक्स द्वारा हैदराबाद में स्थापित सेंटर का मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअल शुभारंभ कर रहे थे।

कार्यक्रम में इस दौरान केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सांसद अजय प्रताप सिंह तथा राजेन्द्र गेहलोत, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के.विजयराघवन, केन्द्रीय पशुपालन सचिव अतुल चतुर्वेदी भी वुर्चअली शामिल हुए।

डीएनए विधेयक पारित कराने में नंद कुमार चौहान की रही महत्वपूर्ण भूमिका -

मुख्यमंत्री चौहान ने निमाड़ क्षेत्र में स्व. नंदकुमार सिंह चौहान द्वारा कृषि के उन्नयन के लिए किए गए प्रयासों का स्मरण करते हुए कहा कि उनके द्वारा संसद में डीएनए विधेयक को पारित कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके परिवार द्वारा कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में देश के किसानों को वैश्विक स्तर की वैज्ञानिक जानकारियाँ उपलब्ध कराने के लिए किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं।

चौहान ने कहा कि प्रदेश में सोयाबीन की फसल लगातार खराब हो रही है। इससे किसान बहुत अधिक प्रभावित हैं। एग्री जीनोमिक्स के उपयोग से सोयाबीन की फसल में सुधार के प्रयोग किए जा सकते हैं। इससे प्रदेश के किसानों को लाभ होगा।

प्रदेश में स्थापित होगी एशिया की सबसे बड़ी जीनोमिक्स लेब -

इस दौरान न्यूक्लियोम इफॉमेटिक्स के प्रबंध संचालक दुष्यंत सिंह बघेल ने बताया कि उनके संस्थान द्वारा इंदौर में एशिया की सबसे बड़ी जीनोमिक्स लेब 165 करोड़ की लागत से स्थापित की जाएगी। वहीं, मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि लेब की स्थापना में राज्य सरकार हरसंभव सहायता प्रदान करेगी।उल्लेखनीय है कि एग्री जीनोमिक्स एक वैज्ञानिक क्षेत्र है, जो फसल सुधार में योगदान दे रहा है। इससे फसल में कीट प्रतिरोधक क्षमता, पौधों के स्ट्रेस टोलरेंस में सुधार कर बेहतर गुणवत्ता की फसलों का अधिक उत्पादन संभव होता है। न्यूक्लियोम इंफॉर्मेटिक्स ने इस क्षेत्र में 2013 में अपनी यात्रा आरंभ की। संस्था द्वारा पशुओं की जीनोम सिक्वेंसिंग का भी कार्य किया जा रहा है।

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