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मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेश स्तरीय 'रोजगार उत्सव' का किया शुभारंभ
भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर हाथ को काम मिले, इसके लिए लगातार प्रयास होंगे। युवा बुलंद हौसलों के साथ कार्य करें, सरकार उनके साथ है। चौहान ने कहा कि कोरोना काल से बिगड़ी अर्थ-व्यवस्था को तेजी से ठीक करने के प्रयास किए गए हैं। आर्थिक कठिनाइयों का रोना न रोते हुए हमने रास्ते निकाले हैं, यही सरकार और नेतृत्व का दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने बुधवार को राजधानी भोपाल के मिण्टो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश स्तरीय 'रोजगार उत्सव' का शुभारंभ करते हुए कही।
सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा वेतन के वितरण में चला जाता है और इसी बजट से विकास कार्य भी करने होते हैं, लेकिन इससे समझौता नहीं हो सकता। युवाओं को बाजार की मांग और आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अधोसंरचना, कृषि, खाद्य प्र-संस्करण, उद्यानिकी आदि के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। खनिजों के दोहन और स्थानीय उत्पाद को प्रोत्साहित करने का कार्य हो रहा है। गत कुछ माह में 100 से अधिक रोजगार मेले भी लगाए गए हैं। हर महीने 1 लाख और वर्ष में 12 लाख युवा रोजगार या स्व-रोजगार हासिल कर लें, यह लक्ष्य लेकर कार्य शुरू किया है। नौजवानों को जीविका का साधन उपलब्ध करवा कर नई जिन्दगी दें, इसी उद्देश्य के साथ मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर बनेगा।
मध्यप्रदेश की विशेषताएँ समृद्धि दिलवाएंगी -
चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्थानीय हुनर को प्रोत्साहन दिया जाएगा। दीपावली पर उपयोग में आने वाला दिया चीन से नहीं आना चाहिए। भारत में निर्मित वस्तुओं का ही उपयोग हो और हम लोकल को वोकल बनाने का कार्य करें। मध्यप्रदेश का बाघ प्रिंट, चंदेरी की साड़ियाँ, अगरिया समुदाय द्वारा निर्मित किए जाने वाले लौह उत्पाद प्रसिद्ध हैं। 'एक जिला एक उत्पाद' के अंतर्गत जिलों के उत्पाद और विशेष वस्तुओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध करवाने का प्रयास सरकार का है।
ग्लोबल स्किल पार्क देगा युवाओं को प्रशिक्षण -
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क से प्रथम वर्ष में 6 हजार और फिर आगे प्रतिवर्ष 10 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्किल पार्क होगा। इसे वर्ष 2022 तक निर्मित करने का लक्ष्य है। मॉडल आईटीआई के माध्यम से भी प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में युवाओं को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की गई है। पुरानी योजनाओं की री-पैकेजिंग भी की जा रही है। इन सभी कार्यों में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी।
श्रम सिद्धि अभियान -
चौहान ने कहा कि प्रदेश में 32 लाख नये श्रमिकों को जॉब कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं। करीब 92 लाख श्रमिकों को रोजगार भी दिलवाया गया है। वर्ष 2020-21 में हुआ यह कार्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा रोजगार अभियान भी बन गया।
स्व-सहायता समूहों से मिली मदद -
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के माध्यम से विभिन्न वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सामग्री के निर्माण और विक्रय का तंत्र सशक्त किया गया है। करीब पौने तीन लाख नए परिवार लगभग 25 हजार समूह से जुड़े हैं। पर्यटन से रोजगार के अंतर्गत बफर में सफर, नाईट सफारी और धार्मिक स्थानों के विकास के कार्यों से लोगों को आर्थिक संबल मिला है।
रोजगार पोर्टल कारगर सिद्ध होगा -
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से 46 हजार नियुक्तियाँ संभव हो सकी। पोर्टल के माध्यम से 35 हजार नियोक्ता और 7 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक एक प्लेटफार्म पर आकर परस्पर जुड़ सके हैं। पुलिस में भर्ती के साथ ही अन्य विभागों के करीब 5 हजार रिक्त पद भरने की प्रक्रिया को गति दी गई है।