मुख्यमंत्री ने योग से निरोग कार्यक्रम का किया शुभारंभ, मरीजों को मिलेगा प्रशिक्षण

मुख्यमंत्री ने योग से निरोग कार्यक्रम का किया शुभारंभ, मरीजों को मिलेगा प्रशिक्षण
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भोपाल। जन-सामान्य को कोरोना संकट से मुक्त करना मानवता की सबसे बड़ी सेवा है। पूरी दुनिया भयानक महामारी से जूझ रही है। मानव सभ्यता के इतिहास में इतना बड़ा संकट कभी नहीं आया है। हमारी संस्कृति, जीवन मूल्य और परम्परा में पहला सुख निरोगी काया माना गया है और इसकी कई पद्धतियाँ बताई गई हैं। ये बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने 'योग से निरोग' कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने योगासन और प्राणायाम पर एक शॉर्ट फिल्म का शुभारंभ किया।

उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने वर्षों के परिश्रम से योग पद्धति विकसित की है, जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर स्वस्थ रहने के सिद्धांत पर केन्द्रित है। कोरोना के इस भीषण काल में व्यक्तियों को स्वस्थ रखने के लिए 'योग से निरोग' कार्यक्रम आरंभ किया जा रहा है। कार्यक्रम में लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए गतिविधियाँ संचालित की जाएंगी। जो व्यक्ति कोरोना से प्रभावित है और आयसोलेशन में रहकर स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं, उन्हें स्वास्थ्य लाभ के लिए योग प्रशिक्षण दिया जाएगा।

अकेलापन, अवसाद, तनाव और चिंता समाप्त करने में सहायक है योग -

सीएम शिवराज ने कहा कि योग रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ऑक्सीजन लेवल ठीक करने, मनोबल बढ़ाने, मरीजों का अकेलापन, अवसाद, तनाव, चिंता, बैचेनी और नकारात्मक भाव समाप्त करने में मदद करता है। होम आयसोलेशन में रह रहे मरीजों और कोरोना के परिणाम स्वरूप नकारात्मक भाव से ग्रसित मरीजों के लिए योग से निरोग कार्यक्रम बहुत प्रभावी सिद्ध होगा। प्रदेश के कोविड मरीजों में से लगभग 72 प्रतिशत मरीज होम आयसोलेशन में हैं। इन व्यक्तियों को फोन कॉल, वीडियो कॉल के माध्यम से योग प्रशिक्षक प्रतिदिन मरीज की सुविधानुसार एक निश्चित समय पर योग, ध्यान, आसन, प्राणायाम आदि के संबंध में मार्गदर्शन देंगे और उनका अभ्यास भी कराएंगे।

मुख्यमंत्री ने योग प्रशिक्षकों से चर्चा की

मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आयसोलेशन और कोरोना केयर सेंटर में रह रहे व्यक्तियों को यदि ठीक कर लिया गया तो यह प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि होगी। इससे अस्पतालों पर पडऩे वाले बोझ से बचा जा सकेगा। सीएम ने स्वयं के अनुभव से कहा कि कोरोना संक्रमण के उपरांत स्वास्थ्य लाभ में और रोग-प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में योग प्रभावी रूप से सहायक है। उन्होंने गुना के कृष्ण योगेन्द्र रघुवंशी, बालाघाट की सरिता बिसेन, ग्वालियर के ऋषिकेश वशिष्ठ, इंदौर के सुनील कुमार जैन और बैतूल के सुनील कुम्हाड़े आदि योग प्रशिक्षकों से कार्यक्रम के संबंध में चर्चा की।

1067 प्रशिक्षक पंजीकृत -

आयुष मंत्री रामकिशोर नानो कावरे ने कहा कि योग से निरोग कार्यक्रम मुख्यमंत्री की दूरदृष्टि का परिणाम है। इस कार्यक्रम से होम आयसोलेशन में रह रहे मरीजों का मनोबल, उत्साह और आत्मबल बढ़ाने में मदद मिलेगी। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरूण शमी ने जानकारी दी कि इंडियन योग एसोसिएशन के अंतर्गत आर्ट ऑफ लिविंग, भारत योग, गायत्री परिवार, हार्ट फुलनेस, ईशा फाउंडेशन, केवल्य धाम, पतंजलि योग पीठ आदि के सहयोग से आरंभ किए गए इस कार्यक्रम में 1067 प्रशिक्षक पंजीकृत हुए हैं।

3 दिन का प्रशिक्षण -

प्रत्येक प्रशिक्षक होम आयसोलेशन में रह रहे 10 मरीजों से सम्पर्क करेगा और उन्हें 3 दिन का योग प्रशिक्षण देगा। इन गतिविधियों का समन्वय डिस्ट्रिक्ट कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर से किया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग तथा आयुष विभाग द्वारा समन्वित रूप से चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में एक प्रशिक्षण मॉड्यूल विकसित किया गया है।

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