प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति से हुआ काशी का पुनर्निर्माण : शिवराज सिंह

प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति से हुआ काशी का पुनर्निर्माण : शिवराज सिंह
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मुख्यमंत्री ने किया पौधारोपण

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विभिन्न राज्यों ने विकास और जन-कल्याण के क्षेत्र में अच्छे कार्य किए हैं। राज्यों द्वारा कई नवाचार लागू किए गए हैं। इन बेस्ट प्रैक्टिसेज और राज्यों द्वारा योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर वाराणसी में प्रस्तुतीकरण होगा। एक दूसरे राज्यों से सीखने का अवसर मिलेगा। राज्य सरकार की ओर से भी प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। हम देखेंगे भी और सीखेंगे भी।उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को राजधानी भोपाल के स्मार्ट उद्यान में पौध-रोपण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से अपने वाराणसी प्रवास के संबंध में चर्चा करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि लगभग 350 वर्ष पहले माँ अहिल्याबाई होल्कर ने वाराणसी मंदिर का पूर्णोद्धार किया था। इसके बाद भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्णोद्धार कर कॉरिडोर बनाया गया है। भारत के गौरवशाली वैभवशाली स्थान की यह पुनर्स्थापना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदली हुई काशी के दर्शन का हमें भी लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति, प्रखर नेतृत्व तथा कल्पना के परिणामस्वरूप काशी का पुनर्निर्माण हुआ है। यह देश के लिए अद्भुत देन है।

क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड के पदाधिकारियों के साथ किया पौधा-रोपण

मुख्यमंत्री ने क्रिकेट एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड इन मध्यप्रदेश के अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र शर्मा तथा सचिव एवं इंडियन ब्लाइंड क्रिकेट टीम के सदस्य सोनू गोलकर के साथ स्मार्ट उद्यान में करंज का पौधा लगाया। संस्था 2013 से प्रदेश में ब्लाइंड क्रिकेट को प्रोत्साहित करने के लिए गतिविधियां संचालित कर रही हैं।

संस्था के अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र शर्मा ने बताया कि भोपाल में 19 दिसंबर से भारत-बांग्लादेश ब्लाइंड क्रिकेट सीरीज आयोजित की जा रही है। सीरीज में फेथ क्रिकेट क्लब रातीबड़ भोपाल में 20 से 26 दिसंबर तक मैच आयोजित होंगे। मुख्यमंत्री चौहान को ब्लाइंड क्रिकेट में उपयोग की जाने वाली गेंद भेंट की गई। उल्लेखनीय है कि ब्लाइंड क्रिकेट में दृष्टि बाधित खिलाड़ी ध्वनि उत्पन्न करने वाली गेंद का उपयोग करते हैं। आज लगाया गया करंज का पौधा आयुर्वेदिक चिकित्सा में महत्वपूर्ण माना गया है। करंज के पौधे का इस्तेमाल धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है।

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