- Home
- /
- देश
- /
- मध्यप्रदेश
- /
- भोपाल
तबादले का डर: हरदा ब्लास्ट के पीड़ितों के आगे गिड़गिडाए कलेक्टर - SP, कहा - सीएम के पास मत जाओ, देंगे दो-दो लाख और जमीन
भोपाल। नौ महीने पहले हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट के पीड़ित अभी भी सरकारी मुआवजे और राहत के लिए तरस रहे हैं। हरदा जिला प्रशासन से मदद की उम्मीद छोड़ चुके पीड़ित लोग मुख्यमंत्री से मिलने न्याय यात्रा लेकर भोपाल के लिए निकले थे। न्याय यात्रा से घबराकर हरदा के जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक पीड़ितों को मनाने के लिए शनिवार सुबह सीहोर से लगी जिले की सीमा पर जा पहुंचे।
दोनों अधिकारियों ने पीड़ितों से याचना करते हुए कहा कि, मुख्यमंत्री के पास भोपाल मत जाओ, जिला प्रशासन 2-2 लाख रुपए और घर बनाने को जमीन भी देगा। लंबी चर्चा और जिला प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद शनिवार शाम न्याय यात्रा वापस हरदा लौट गई।
दरअसल, जिला अधिकारियों को इस बात का डर था कि यदि पीड़ित भोपाल जाकर मुख्यमंत्री से मिलेंगे तो उन पर भी तबादले की गाज गिर सकती है। हरदा हादसे के बाद भी मुख्यमंत्री ने हरदा जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक को तत्काल हटा दिया था। घटना को 9 महीने बीतने के बाद भी पीड़ित परिवारों को प्रशासन ने राहत उपलब्ध नहीं कराई है।
जिला प्रशासन से गुहार लगाकर थक चुके पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी पीड़ा बताना चाहते थे और इसीलिए वे दो दिन पहले भोपाल के लिए निकले। जब यात्रा सीहोर जिले की सीमा में पहुंची तभी शनिवार को हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह पुलिस अधीक्षक अभिनव चौकसे वहां पहुंचे। कलेक्टर ने मांगे पूरा करने का लिखित आश्वासन भी दिया, फिर भी पीड़ित भोपाल जाने की जिद पर अड़े रहे। हालांकि बाद में वे मान गए और वापस लौट गए।
उल्लेखनीय है कि हरदा में इसी साल 6 फरवरी को पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हो गया था। जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी और करीब पौने दो सौ लोग घायल हो गए थे। विस्फोट इतना तेज था कि आधा किमी के दायरे में बने घरों के खिड़की, दरवाजे चटक गए। कुछ घर क्षतिग्रस्त भी हो गए थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल मौके पर पहुंच कर पीड़ितों को राहत एवं नुकसान का मुआवजा देने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे।
यात्रा में महिला, पुरुष और बच्चे भी शामिल
न्याय यात्रा संयोजक हेमंत चौहान ने बताया कि जिनके घर टूटे, संपत्ति को नुकसान पहुंचा, उन्हें कोई राहत ही नहीं मिली है। यही बात हम मुख्यमंत्री को बताना चाहते थे। पीड़ित देवी सिंह राजपूत के अनुसार पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश उर्फ राजू अग्रवाल को न्यायालय ने बीमारी के नाम पर जमानत दी है, जबकि वह शहर में वसूली कर रहा है। लोगों को धमका रहा है। न्याय यात्रा शनिवार सुबह सीहोर के थाना गोपालपुर नर्मदा स्कूल के पास पहुंची थी इसमें 33 महिला पुरुष व बच्चे शामिल थे।
हमने यात्रा नहीं रोकी: सीहोर कलेक्टर
सीहोर जिले में न्याय यात्रा रोके जाने के सवाल पर सीहोर कलेक्टर प्रवीण अध्यक्ष और एसपी दीपक शुक्ला ने भी कहा कि सीहोर प्रशासन ने किसी को नहीं रोका। इस संबंध में हरदा जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जिलाधीश सिंह ने यह भी नहीं बताया कि पीड़ितों को अभी तक मुआवजा क्यों नहीं मिला।
कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी थी। उन्होंने बताया कि समझाइश के बाद सभी पीडित मान गए हैं। पीड़ितों की मांगों से संबंधित प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने से प्रशासन ने कोई निर्णय नहीं लिया। चर्चा के बाद सभी पीड़ित मान गए हैं। उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा। - कृष्ण गोपाल तिवारी (संभागायुक्त नर्मदापुरम)