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भोपालः ध्वनि विस्तारक यंत्रों के इस्तेमाल को लेकर कलेक्टर ने ली धर्मगुरुओं की बैठक
भोपाल । कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्रा की अध्यक्षता में गुरुवार को धर्मगुरुओं के साथ धार्मिक स्थलों एवं अन्य स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डीजे) के ध्वनि सीमा स्तर से संबंधित राज्य शासन द्वारा जारी निर्देशों से अवगत कराने बैठक स्मार्ट सिटी कार्यालय में आयोजित की गई। बैठक में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अवधेश गोस्वामी, एडीएम हरेन्द्र नारायण, एसडीएम, पुलिस अधिकारी एवं विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु उपस्थित रहे।
कलेक्टर आशीष सिंह ने बैठक बताया कि ध्वनि प्रदूषण एक बड़ी समस्या है जो कई मानसिक बीमारियों का कारण बना रहा है, साथ ही ह्रदय एवं अन्य बीमारियों से ग्रसित व्यक्तियों को अत्यधिक तकलीफ़ देता है,साथ ही बच्चों की पढ़ाई में भी व्यवधान करता है इस हेतु राज्य शासन द्वारा म.प्र. में धार्मिक स्थल एवं अन्य स्थानों पर म.प्र. कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रावधानों तथा सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुकम में राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर/डीजे) आदि का उपयोग किया जा सकेगा।
कलेक्टर ने कहा कि सभी धार्मिक स्थलों/धार्मिक यात्राओं/जुलूस/ में निर्धारित ध्वनि सीमा स्तर में ही लाउडस्पीकरों का उपयोग किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि निर्धारित ध्वनि सीमा स्तर का कड़ाई से पालन कराया जायेगा इसमें समझाईश के उपरांत भी यदि उल्लंघन पाय जाता है तो नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।इस कार्य हेतु उड़नदस्तों का गठन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 के अनुसार अनुमत्य अधिकतम ध्वनि सीमा (डेसिबल में) के अन्तर्गत ध्वनि मानकों के प्रावधानों का पालन करते हुए सामान्यतः मध्यम आकार के अधिकतम 02 डीजे के प्रयोग को ही अनुमत्य किया जायेगा। डीजे व लाउडस्पीकर की विधिवत अनुमति सक्षम स्तर से अवश्य ली जाना आवश्यक होगी कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि लाउडस्पीकरों से संबंधित जारी निर्देशों को विभिन्न माध्यम से अवगत कराने की कार्यवाही की जा रही एवं ध्वनि सीमा स्तर नियमों का पालन करने के लिए 7 दिवस का समय दिया जा रहा है। उसके उपरांत उड़नदस्तों द्वारा मॉनिटरिंग एवं नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।
बैठक में बताया गया कि मोबाइल फ़ोन पर डेसिबल मीटर ऐप डाउनलोड कर कोई भी ध्वनि की तीव्रता को जाँच सकता है । पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्रा ने बैठक में कहा कि ध्वनि प्रदूषण एक गंभीर समस्या के रूप में उभर रहा है साथ ही विभिन्न बीमारियों का कारण भी बन रहा है। उन्होंने बताया कि जारी नियमों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि इस हेतु गठित किये जा रहे उड़नदस्तों द्वारा निगरानी रखी जाये और नियम की समझाईश दी जाये एवं उसके बाद भी उल्लंघन होने पर नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि इस बात का समस्त अधिकारी विशेष ध्यान रखें कि इस संबंध में कार्यवाही समान रूप से की जाये। धर्म गुरुओं ने बैठक में अपने सुझाव भी दिए।