मैं प्रदेश छोड़कर नहीं जाऊंगा, यही रहकर जनता की सेवा करूंगा : कमलनाथ

मैं प्रदेश छोड़कर नहीं जाऊंगा, यही रहकर जनता की सेवा करूंगा : कमलनाथ
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भोपाल। प्रदेश में हुए विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार का मंथन करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक संपन्न हुई। जिसमें सभी जिलाध्यक्षों ने भी भाग लिया। इस बैठक में कमलनाथ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा की मैंने कभी किसी कांग्रेसजन का सिर झुकने नहीं दिया। जो कहते हैं कि कमलनाथ प्रदेश छोड़कर चले जाएंगे, वह यह सुन लें कमलनाथ जीवन भर प्रदेश में ही रहकर जनता की सेवा करेंगे।

पूर्व सीएम कमलनाथ ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सभी कांग्रेस जनों का धन्यवाद करता हूं, सभी ने बड़ी निष्ठा व मेहनत से इन चुनावों में काम किया है। यह सही है कि परिणाम हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं आए हैं लेकिन हम हिम्मत हारने वालों में से नहीं हैं। हम संघर्ष करेंगे, हम वर्ष 2023 के लिए अभी से संघर्ष शुरू करेंगे। मैंने जब 1 मई 2018 को जब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभाला था, मेरे सामने कई चुनौतियां थीं। इन ढाई सालों में आपके हमारे बीच में एक नया संबंध बना, एक रिश्ता बना। संगठन को मजबूत करना मेरे लिए चुनौती थी, चुनाव सर पर थे, कुछ ही माह बचे थे। 15 साल से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं थी, कांग्रेस का झंडा हाथ में लेकर चल रहा कांग्रेस का कार्यकर्ता आशा कर रहा था कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आए।

निराशा का भाव नहीं लाना -

प्रदेश अध्यक्ष के रूप में मेरे लिए भी एक नई शुरुआत थी। हम सभी ने मिलकर संघर्ष किया,प्रदेश में हमारी सरकार बनी। मुझे काम करने के लिए साढ़े 11 माह मिले, इस कार्यकाल में कई चुनौतियां थी। किसानों का कर्ज माफ करना था, युवाओं को रोजगार देना था, प्रदेश में निवेश लाना था, जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराना थी। हमने लक्ष्य बनाकर काम किया, हमारा संकल्प था कि हम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे, अपने वचन पत्र के वादों को पूरा करें। हमें निराशा का भाव नहीं लाना है, हमने तो 77 का वह दौर भी देखा है। जब लोग कहते थे कि कांग्रेस खत्म हो गई। हमने वह दौर भी देखा, जब भाजपा के पास मात्र एक-दो सीटें थीं।

जनता की सेवा करूंगा -

उन्होंने कहा की मेरा जीवन में एक ही सिद्धांत है कि जो कुछ करो ईमानदारी से करो। मुझे सौदेबाजी का अक्टूबर माह से ही पता चल गया था पर मैंने तय किया था कि मैं प्रदेश में सौदेबाजी कर प्रदेश का नाम कलंकित नहीं करूंगा। जब मैंने 20 मार्च को इस्तीफा दिया तो मेरे सामने दो रास्ते थे या तो मैं सब छोड़कर चले जाऊं या यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूं। मैंने तय किया कि मैं यहीं रहकर प्रदेश की जनता की सेवा करूंगा, कांग्रेस जनों को अकेला नहीं छोडूंगा, हर चुनौती का सामना करूंगा। हम सब मिलकर इन परिणामों की समीक्षा करेंगे, विश्लेषण करेंगे। आप सभी मुझे इसकी रिपोर्ट बना कर दें, मैं भी अपने स्तर पर समीक्षा कर रहा हूं। यह हार अप्रत्याशित है, हम उन बूथों पर भी हारे, जहाँ हम आज तक नहीं हारे।

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