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मध्य प्रदेश में 'बाल व्यापार: गरीबी के कारण मध्य प्रदेश से बच्चों की महाराष्ट्र में बिक्री पर कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गरीबी के कारण महाराष्ट्र में राज्य से बच्चों की बिक्री और खरीद के संबंध में मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए एक पत्र लिखा। पटवारी ने मांग की कि केंद्र सरकार मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को तुरंत बुलाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
एएनआई के पास मौजूद पत्र की कॉपी में लिखा है, "महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के कंचनवाड़ी इलाके में बच्चों की बिक्री हो रही है। कीमत मात्र 25,000 रुपये है। ये सभी बच्चे आदिवासी परिवारों के हैं, जो मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से मजदूरी करने महाराष्ट्र गए थे। खंडवा के मुंदी इलाके के 11 गांवों के आदिवासी परिवार पैसे कमाने की तलाश में महाराष्ट्र और गुजरात जा रहे हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उन्हें अपने बच्चों को बेचना पड़ रहा है।
मध्य प्रदेश के आदिवासी मजदूर गरीबी के कारण महाराष्ट्र में निर्माण स्थलों पर अपने बच्चों को बेच रहे हैं। काम न मिलने के कारण कई मजदूर परिवार भीख मांगकर गुजारा कर रहे हैं। इन परिवारों ने बच्चों की बिक्री को परंपरा का नाम दिया है। वे बातचीत में बच्चों की खरीद-फरोख्त जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करते, बल्कि कहते हैं, अगर किसी को बच्चा चाहिए तो हमारे पास है।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी,
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) August 16, 2024
महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के कांचनवाड़ी क्षेत्र में बच्चे बिकाऊ हैं! कीमत भी केवल 25 हजार रुपए! ये सभी बच्चे मप्र के खंडवा जिले से मजदूरी करने महाराष्ट्र गए आदिवासी परिवारों के हैं। ज्यादा पैसे के लिए खंडवा के मूंदी क्षेत्र के 11 गांवों के आदिवासी… pic.twitter.com/WxUDqYu0Kc
पत्र में आगे कहा गया है, "इस खुलासे ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि मध्य प्रदेश का दलित और आदिवासी समुदाय गरीब, उत्पीड़ित और शोषित है। भ्रष्टाचार में डूबी सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन्हें नहीं मिल रहा है। इस खुलासे से गरीबों को मुफ्त राशन देने की व्यवस्था भी संदेह के घेरे में आ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए जो सनसनीखेज सच सामने आया है, वह मध्य प्रदेश के साथ महाराष्ट्र सरकार की नीति, नियम और नीयत पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।
करोड़ों रुपए का कर्ज लेकर मध्य प्रदेश सरकार सिर्फ अपनी विलासिता पर खर्च कर रही है और बाकी पैसा भ्रष्ट तंत्र की तिजोरी में भ्रष्टाचार की योजनाओं में खर्च हो रहा है। चिंताजनक पहलू यह भी है कि जब आप लाल किले से भाजपा सरकार की कथित उपलब्धियों का बखान कर रहे थे, उसी समय गरीबी में डूबे परिवार अपनी सरकार की अनदेखी का जवाब मांग रहे थे। केंद्र सरकार को तुरंत मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्रियों को तलब कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।