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मप्र में कांग्रेस ने किया भारत बंद का समर्थन, जिला स्तर पर करेगी प्रदर्शन
भोपाल। केन्द्र सरकार द्वारा लागू किये गए कृषि कानूनों के विरोध की आग दिल्ली से निकल देश के कई राज्यों में पंहुच गई है। किसान संगठनों ने कृषि कानूनों के विरोध में कल 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। जिसे कांग्रेस, आप, सपा, वामदल, टीआरएस, इनेलों सहित कई दलों ने समर्थन दिया है। मप्र में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस बंद का समर्थन कर रही है।प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों पर कांग्रेसजन प्रदर्शन कर किसानों की मांगों के समर्थन में ज्ञापन सौंपेंगे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा की केंद्र सरकार द्वारा किसानों की बगैर सहमति से, उनसे बगैर चर्चा किए तीन नए कृषि कानून लागू किए गए हैं जो कि किसान विरोधी होकर किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर देंगे। इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई ग्यारंटी का जिक्र नहीं है, इन कानूनों से मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी, इन क़ानूनों से सिर्फ़ कारपोरेट जगत को फायदा होगा और जमाखोरी व मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा, यह काले कानून पूरी तरह से किसान विरोधी हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का और खेती को लाभ का धंधा बनाने का दावा व वादा किया था और वहीं वो इन काले कानूनों के माध्यम से खेती को व किसानों को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं, खेती को घाटे का धंधा बनाने पर तुले हुए हैं।
किसान विरोधी रवैया -
उन्होंने कहा की केंद्र सरकार तानाशाही तरीके से इन कानूनों को किसानो पर थोप रही है। जबकि देश का किसान इन कानूनों के विरोध में सडक़ों पर है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि शर्म की बात है कि देश के तमाम किसान संगठन 11 दिनों से दिल्ली की सीमा पर अपने परिवारों के साथ कड़ाके की ठंड में बैठकर इन क़ानूनों को रद्द करने की माँग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और केंद्र सरकार हठधर्मिता दिखाते हुए इन कानून काले कानूनों को रद्द नहीं कर रही है। केंद्र सरकार का रवैया पूरी तरह से किसान विरोधी बना हुआ है और कारपोरेट जगत के दबाव में वह खेती व किसानों को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुले हुए हैं।
कांग्रेस ने दिया समर्थन -
किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है। जिसका कांग्रेस देश भर में समर्थन कर रही है। प्रदेश में भी कांग्रेस किसानों के आव्हान पर हो रहे इस बंद को अपना पूर्ण समर्थन देती है।उन्होंने बताया की प्रदेश की सभी जिला इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बंद के समर्थन में जिला मुख्यालयो पर प्रदर्शन कर किसानों की मांगों का ज्ञापन दें। कांग्रेस सदैव किसानों के साथ खड़ी है। कांग्रेस की यूपीए सरकार के किसानों की ऐतिहासिक कर्ज माफी भी की थी, वहीं मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस सरकार ने किसानों का कर्ज माफ किया था।