दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज से मांगा इस्तीफा, कमलनाथ ने लगाए आरोप

दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज से मांगा इस्तीफा, कमलनाथ ने लगाए आरोप
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भोपाल। औरंगाबाद रेल हादसे में श्रमिकों की हुई मौत के बाद प्रदेश में सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है। मजदूरों की दर्दनाक रेल हादसे में हुई मौत ने प्रदेश के साथ पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। देश के विभिन्न राज्यों में बसे श्रमिकों को सरकार विशेष ट्रेनों द्वारा वापस लाने का कार्य कर रहीं है। इसके बावजूद औरंगाबाद से पैदल घर के लिए निकले मजदूरों की मौत पर विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कई सवाल पूछे हैं। उन्होंने सीएम शिवराज इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए त्याग पत्र देने की मांग की है। पूर्व सीएम दिग्विजयसिंह ने ट्वीट कर लिखा है की लाल बहादुर शास्त्री जी ने ट्रेन हादसे के बाद त्यागपत्र दे दिया। माधव राव सिंधिया जी ने हवाई जहाज़ की दुर्घटना पर त्यागपत्र दे दिया। अब शिवराज जी आप बतायें, क्या आपको ज़िम्मेदारी स्वीकार कर त्यागपत्र नहीं दे देना चाहिये? दिग्विजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट के जरिये मुख्यमंत्री चौहान पर आरोप लगाया है की आप धोखे से मुख्यमंत्री बने है।जनता का विश्वास पा कर आप मुख्य मंत्री नहीं बने हैं। इसलिये आप से हमें व मध्य प्रदेश की जनता को यह उम्मीद नहीं है।

दिग्विजय सिंह द्वारा औरंगाबाद रेल हादसे पर शिवराजसिंह से इस्तीफे की मांग के बाद कमलनाथ ने भी सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हमला किया है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसते हुए कहा है की सरकार द्वारा मजदूरों के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है और ना ही कोई साधन की व्यवस्था की गई है। पैदल, साईकल और कोई अन्य साधन से अपनी मंज़िल की और निकल पढ़ा है। कोई भूख-प्यास से दम तोड़ रहा है तो कोई भीषण गर्मी से दुर्घटना का शिकार हो रहे है।

इसी के साथ उन्होंने प्रदेश के सभी कांग्रेस विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों से अपील की है की वह सभी मध्यप्रदेश की सीमा पर अन्य राज्यों से भूखे, प्यासे अपने घरों को वापस लौट रहे मजदूरों के लिए खाने-पीने के राशन का इंतजाम करें। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा है की सभी मिलकर मार्गों पर उनके लिये खाने-पीने का , राशन का इंतज़ाम करे। मुख्यमंत्री से लेकर सारे मंत्री सिर्फ़ बैठक - बयानो में ही लगे हुए है।मैदान से सब नदारद है। उनके सारे दावे हवा-हवाई है।






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