कैग की रिपोर्ट में खुलासा: अधिकारी, कर्मचारियों के चहेतों और रिश्तेदारों को हुआ फर्जी भुगतान

अधिकारी, कर्मचारियों के चहेतों और रिश्तेदारों को हुआ फर्जी भुगतान
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मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, संबल योजना, आपदा राहत, नल जल योजना समेत कई योजनाओं में मिली गड़बड़ी

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में नियंत्रक महालेख परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट पेश की गई जिसमें खुलासा हुआ है कि तमाम सरकारी योजनाओं में हितग्राहियों को मिलने वाली राशि में बंदरबांट की गई है। जो रुपया हितग्राहियों को मिलना था वह योजनाओं से जुड़े अधिकारियों के रिश्तेदारों व परिचितों के खातों में पहुंच गए। कैग ने अनुशंसा की है कि इस तरह की गड़बड़ियों में विभाग जांच गठित कर उत्तरायी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।

नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) ने मप्र में संबल योजना को लेकर किए गए परीक्षण में कई गड़बड़ियां उजागर की हैं। चिन्हित जनपद पंचायतों/नगर निगम/पालिका के संबल पोर्टल डेटा एवं अन्य भौतिक परीक्षण में सामने आया कि अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर घोटाला किया।

अपात्रों को 1.04 करोड़ भुगतान

संबल योजना में 60 वर्ष से अधिक उम्र पर हितग्राही अपात्र होता है। जांच में पता चला कि 52 में से 27 जिलों में अधिकारियोंने 41 व्यक्तियों को 84 लाख की अनुग्रह सहायता स्वीकृत कर वितरित की, जो मृत्यु दिनांक को 60 वर्ष से अधिक आयु के थे। इस तरह संबल योजना में 51 अपात्र व्यक्तियों को 1.04 करोड़ की अनुग्रह राशि वितरित की गई। हालांकि इस मामले श्रम विभाग ने बताया कि कलेक्टरों को संबंधितों पर कार्रवाई करने एवं रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। इंदौर, नर्मदापुरम, ग्वालियर, बड़बानी और देवास ने कार्रवाई की अंतरिम रिपोर्ट भी प्रस्तुत की।

रिश्तेदारों के खातों में डाली सहायता राशि

जनपद पंचायत राजपुर एवं सेंधवा में संबल योजना की अनुग्रह सहायता राशि 77 लाख 97 हजार रुपये यहां पदस्थ सहायक वर्ग-2 पुष्पेन्द्र यादव के रिश्तेदार एवं अन्य असंबंधित व्यक्तियों के नाम व बैंक खातों में फर्जी तरीके से 1.69 करोड़ रुपय ई-भुगतान के माध्यम से जमा कर दी गई।

अपात्रों को बांट दी छह लाख सहायता

सात जनपद पंचायतों के सीईओ ने संबल योजना में सात व्यक्तियों जो मृत श्रमिकों के परिवार के सदस्य नहीं थे, को 14 लाख की अनुग्रह सहायता वितरित की गई। सीईओ होशंगाबाद एवं सीईओ सिहोरा, जबलपुर ने नदी में डूबने एवं सांप के काटने से हुई दो श्रमिकों की मृत्यु के मामले में छह लाख रुपये की अनुग्रह सहायता राशि अनियमित रूप से दी गई। जबकि दोनों लाभार्थियों को राजस्व विभाग से अनुग्रह सहायता 8 लाख रुपये नवम्बर 2019 एवं सितम्बर 2020 में ले चुके थे। इसी प्रकार चार प्रकरणों में कुए में डूबने, घर में आग लगने एवं सांप के काटने से हुई श्रमिकों की मृत्यु के मामलों में अनियमित रूप से 16 लाख की अनुग्रह राशि वितरित कर दी गई।

पात्रों को बना दिया अपात्र

श्रम विभाग ने पंजीकृत असंगठित श्रमिकों की पात्रता का सत्यापन करने एवं अपात्र पंजीकृत श्रमिकों को बाहर करने के निर्देश जून 2019 में संबंधित अधिकारियों को दिए थे। लेकिन विभाग ने 2.18 करोड़ में से 67.48 लाख अपात्र आवेदकों को पात्रता परीक्षण किए बिना ही बाहर कर दिया। इनमें 14.34 लाख पात्र मजदूर थे।

अनुग्रह सहायता राशि में भी हुई हेरफेर

भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मंडल योजना से 26.48 लाख की अनुग्रह सहायता एवं अंत्येष्टि सहायता उन बैंक खातों में जमा की गई जो मृतक श्रमिकों के परिवार के सदस्य नहीं थे।

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