मप्र कैबिनेट का बड़ा फैसला : जिला अस्पतालों को बनाया जाएगा मेडिकल कॉलेज

मप्र कैबिनेट का बड़ा फैसला : जिला अस्पतालों को बनाया जाएगा मेडिकल कॉलेज
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75 फीसदी बेड गरीबों के लिए आरक्षित होंगे

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिए गए। मंत्रि-परिषद की बैठक में निर्णय लिया गया है कि प्रदेश के हर ऐसे जिले, जहां मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, वहां इन्हें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर बनाया जाएगा। इसके लिए जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में अपग्रेड किया जाएगा। काम निजी एजेंसी को दिया जाएगा।

यह जानकारी बैठक के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने दी। उन्होंने बताया कि उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के ऐसे जिला अस्पतालों का पीपीपी मोड पर जिला चिकित्सा महाविद्यालय में उन्नयन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है, जहां चिकित्सा महाविद्यालय नहीं हैं। यह काम निजी एजेंसी को देंगे। इन मेडिकल कॉलेजों में 75 फीसदी बेड गरीबों के लिए आरक्षित होंगे, जबकि 25 फीसदी बेड निजी एजेंसी उपयोग कर सकेगी।

देवस्थानों की बदलेगी सूरत -

मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मंत्रिपरषिद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि मंत्रि परिषद के सदस्यों का भगवान राम के दर्शन के लिए शासकीय रूप से अयोध्या जाना ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने इस शुभ घड़ी के लिए सभी को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह यात्रा भगवान श्री राम के प्रति आदर का प्रकटीकरण है।

उन्होंने कहा कि अयोध्या की इस यात्रा के बाद देवस्थानों के संबंध में लिए गए निर्णय और संकल्पों के क्रियान्वयन में राज्य सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी। मंत्रि परिषद की आगामी बैठक में मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाकर धर्मस्व, राजस्व और संस्कृति विभाग को आपस में जोड़ा जाएगा। जिस तरह कृषि उत्पादन आयुक्त के अंतर्गत कृषि सहकारिता, उद्यान आदि कुछ विभाग होते हैं, वैसे ही एक वरिष्ठ अधिकारी इन विभागों के प्रभारी होंगे। ग्रामीण क्षेत्र में स्थित देवस्थानों के लिए पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा नगरीय क्षेत्र में स्थित देवस्थानों के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग भी इसमें शामिल रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग परस्पर तालमेल और समन्वय से देवस्थानों के विकास के लिए कार्य योजना बनाकर उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। राज्य शासन का उद्देश्य यह है कि मंदिर देवस्थान के साथ-साथ सामाजिक चेतना और समरसता का भी केंद्र बनें और मंदिरों में सामूहिक विवाह जैसे सामाजिक कार्य संपन्न हो। अयोध्या धाम सहित प्रदेश के अंदर और प्रदेश के बाहर स्थित प्रमुख देवस्थान में राज्य सरकार द्वारा धर्मशालाएं विकसित करने की दिशा में पहल की जाएगी, अन्य राज्य सरकारों को मध्य प्रदेश स्थित देवालयों में अपने राज्य की तरफ से धर्मशालाएं विकसित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ यादव के इस प्रस्ताव का मंत्री परिषद के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया।

स्मार्ट सिटी 2 -

नगरीय विकास मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी 2.0 योजना की शुरूआत की है। योजना के तहत 100 स्मार्ट शहरों में से 18 शहरों का चयन किया जाएगा। इन शहरों को लगभग 135 करोड़ रुपये की राशि दी जाएगी। इसमें 50 फीसदी राज्य शासन का समावेश भी होगा। आज मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

इसके अलावा मंत्रि-परिषद ने सिंचाई और पीडब्ल्यूडी विभाग की पुरानी योजनाओं को समय सीमा में काम पूर्ण करने के लिए बजट स्वीकृत किया गया। दो हजार से ज्यादा ग्राम में लाभ मिलेगा। वहीं, बैठक में प्रदेश की 10 नई सिंचाई परियोजनाओं के लिए बजट स्वीकृत किया गया।

मंत्रि-परिषद के अन्य निर्णय -

  • - डायल 100 की संचालन कंपनी की छह माह की सीमा बढ़ाई।
  • - न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण के लिए 485.84 करोड़ से मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी हेतु ग्राम मंगेली बरेला बायपास रोड जबलपुर में नवीन भवन निर्माण किया जाएगा।
  • - पंचायत सचिव की मौत पर परिवार के एक सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति दी जाएगी। जिले के बाहर भी हो सकेंगे तबादले।
  • - उज्जैन क्षेत्र के औद्योगिक विकास एवं अर्थव्यवस्था में गुणात्मक सुधार को देखते हुए उज्जैन एवं जावरा के मध्य 4 लेन ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे का निर्माण जाएगा। पांच हजार करोड़ का बजट रखा गया।
  • - 2000 प्रोफेसर पीएचडी करने के लिए अधिकृत होंगे, इनमें आगे कुलगुरु बनने की योग्यता भी बन जाएगी।

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