कैबिनेट बैठक : मप्र में स्थापित होंगे 5 नये औद्योगिक क्षेत्र, जानिए सभी निर्णय

कैबिनेट बैठक : मप्र में स्थापित होंगे 5 नये औद्योगिक क्षेत्र, जानिए सभी निर्णय
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मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना को दी गई मंजूरी

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। प्रदेश में पांच नये औद्योगित क्षेत्रों की स्थापना के साथ ही मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना के संशोधन को मंजूरी दी।

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में 05 नवीन औद्योगिक क्षेत्रों को 714.56 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किये जाने का प्रशासकीय अनुमोदन दिया। बैरसिया जिला भोपाल परियोजना लागत 25.88 करोड़, आष्टा (झिलेला) जिला सीहोर 99.43 करोड़, धार (तिलगारा) जिला धार 79.43 करोड़ मेगा औदयोगिक पार्क रतलाम फेस-1 जिला रतलाम 462 करोड़ और नरसिंहपुर जिला नरसिंहपुर 47.82 करोड़ की परियोजना शामिल है। इन 5 नवीन औदयोगिक क्षेत्रों के विकास से प्रदेश में लगभग 32 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होना संभावित है। साथ ही 38 हजार 450 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध हो सकेगा।

उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना में सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम में सम्मिलित पात्र प्रति कन्या के मान से 55 हजार रूपये स्वीकृत किये जाएंगे। इस राशि में से 6 हजार रुपये सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजन करने हेतु आयोजनकर्ता निकाय को देय होगी एवं रूपये 49 हजार रुपये की सामग्री कन्या को उपहार के रूप में आयोजनकर्ता निकाय द्वारा प्रदाय की जायेगी।

श्रम विभाग के मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिक हेतु विवाह सहायता योजना को सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में समाहित किया जायेगा। कार्यक्रम के लिए अधिकृत संस्था सामूहिक विवाह का आयोजन शहरी क्षेत्र में नगर निगम/ नगर पालिका/ नगर परिषद तथा ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत ही आयोजनकर्ता होंगे। अन्य किसी संस्था द्वारा कराये जा रहे सामूहिक विवाह इस योजना का लाभ पाने हेतु पात्र नहीं होंगे।

जिला एवं निकाय स्तरीय मुख्यमंत्री कन्या विवाह -

सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम का सुचारू रूप से आयोजन सुनिश्चित किये जाने हेतु जिला एवं निकाय स्तरीय समितियों का गठन जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से किया जायेगा। इन समितियों में वरिष्ठ शासकीय अधिकारी भी सदस्य होंगे।

जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से जिला कलेक्टर द्वारा जिले के प्रत्येक निकाय के लिए सामूहिक विवाह एवं निकाह हेतु 2-2 तिथियों का वित्तीय वर्षवार कैलेण्डर जारी होगा। इस कैलेण्डर का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जायेगा, जिससे इच्छुक जोड़ों द्वारा समय पर आवेदन किया जा सकें।

कन्या को 49 हजार रुपये की राशि गृहस्थी की स्थापना हेतु आवश्यक उपहार सामग्री प्रदाय की जायेगी। जिला एवं निकाय स्तरीय मुख्यमंत्री कन्या विवाह / निकाह आयोजन समिति प्रदाय की जा रही सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु प्रक्रिया निर्धारित करेगी। आवेदन की प्रक्रिया पूर्वानुसार रहेगी, जिसके अनुसार वर-वधु को सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम के आयोजन की तिथि से कम से कम 15 दिवस पूर्व निर्धारित प्रपत्र में संयुक्त आवेदन करना होगा।

विवाह हेतु हितग्राहियों की पात्रता की जाँच सामूहिक विवाह कार्यक्रम से 7 दिवस पूर्व पूर्ण करने की जिम्मेदारी संबंधित स्थानीय निकाय की होगी। सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रम का सोशल मीडिया सहित सभी माध्यमों द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। योजना की शेष शर्ते पूर्वानुसार यथावत रहेगी। योजना में किये गये सभी संशोधनों को समाहित कर नवीन दिशा-निर्देश एक पुस्तिका के रूप में प्रकाशित किये जायेंगे।

ग्रामीण बैंकों के लिए पुनर्पूजीकरण सहायता योजना -

मंत्रि-परिषद ने भारत सरकार द्वारा प्रदेश में कार्यरत दोनों क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को पुनर्पूंजीकरण सहायता योजना में कुल राशि 1414.83 करोड़ रुपये की अंशपूँजी सहायता स्वीकृत की, जिसमें राज्य शासन के हिस्से की राशि 212.23 करोड़ रूपये है। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की अंशपूँजी में राज्यांश हिस्से की राशि के निवेश के प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया है कि राज्य शासन द्वारा वित्त वर्ष 2021-22 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की अंशपूँजी में भारत सरकार की स्वीकृति अनुसार राज्य शासन के हिस्से की राशि 212.23 करोड़ रुपये का निवेश किया जाये।

प्रदेश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की कुल 1320 बैंक शाखाएँ कार्यरत हैं, जिनमें से 1172 शाखाएँ ग्रामीण एवं अर्द्ध शहरी क्षेत्र में है। इन बैंकों द्वारा मुख्यतः ग्रामीण एवं अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाओं के साथ वित्तीय समावेशन से प्रदेश के ग्रामीण नागरिकों को बैंकिंग सुविधाएँ मुहैया कराई जा रही हैं। वर्तमान में इन बैंकों का प्रदेश में कुल व्यवसाय 40 हजार करोड़ रूपये से अधिक का है। भारत सरकार द्वारा स्वीकृत पुनर्पूंजीकरण सहायता से इन बैंकों द्वारा अपने व्यवसाय में वृद्धि की जा सकेगी। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में वित्त पोषण किये जाने से रोजगार के नये अवसर निर्मित हो रहे हैं। इस पुनर्पूंजीकरण सहायता से इन बैंकों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिये और अधिक वित्त पोषण किया जा सकेगा।

पशुपालन गतिविधियों को बढ़ाने शून्य प्रतिशत ब्याज दर -

मंत्रि-परिषद ने पशुपालन एवं डेयरी विभाग में प्रदेश में पशुपालन गतिविधियों हेतु किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से गाय, भैंस, बकरी, सूकर, मुर्गी पालन हेतु शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर अधिकतम राशि 2 लाख रुपये की साख सीमा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। पशुपालन गतिविधियों हेतु शून्य प्रतिशत ब्याज दर से किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध करने की योजना के क्रियान्वयन से राज्य में पशुपालक आसानी से आदान खरीद सकेंगे तथा सूदखोरों और बिचौलियों से बचाव होकर पशुपालकों की आय में वृद्धि होगी।

विक्रम उद्योगपुरी उज्जैन में मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना -

मंत्रि-परिषद ने मोहासा बाबई के स्थान पर औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी उज्जैन में मेडिकल डिवाईसेस पार्क की स्थापना हेतु निर्णय लिया। मेडिकल डिवाईसेस पार्क की स्थापना किये जाने हेतु औद्योगिक क्षेत्र मोहासा बाबई के स्थान पर औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी जिला उज्जैन में कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया गया। मेडिकल डिवाईसेस उत्पादन इकाइयों हेतु जो विशेष रियायतें मोहासा-बाबई में प्रदान की गई है, औद्योगिक क्षेत्र विक्रम उद्योगपुरी में भी मेडिकल डिवाईसेस उत्पादन इकाइयों हेतु समान रियायतें प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया। विक्रम उदयोगपुरी लिमिटेड, उज्जैन में निवेशकों को दी जाने वाली छूट/सुविधा से पड़ने वाले वित्तीय भार की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा की जायेगी। मेडिकल डिवाईसेस पार्क में भूमि/भूखण्ड/भवन आवंटन ऑफ-लाईन प्रक्रिया से करने के लिये सक्षम समिति के गठन हेतु प्रशासकीय विभाग को अधिकृत किया गया।

सिंचाई परियोजनाएँ -

मंत्रि-परिषद ने मंदसौर जिले की कयामपुर दाबयुक्त सूक्ष्म उद्वहन वृहद सिंचाई परियोजना लागत राशि 2374 करोड़ रुपये, सिंचाई क्षमता एक लाख 12 हजार हेक्टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई। परियोजना के निर्माण से सीतामऊ एवं मंदसौर तहसील के 252 ग्रामों की एक लाख 12 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में भूमिगत पाइप लाइन से सूक्ष्म सिंचाई (स्प्रिंकलर) सुविधा प्राप्त होगी।

मंत्रि-परिषद ने मंदसौर जिले की ताखाजी सूक्ष्म मध्यम सिंचाई परियोजना लागत राशि 46.86 करोड़ रूपये, सिंचाई क्षमता 3200 हेक्टेयर रबी सिंचाई हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना के निर्माण से भानपुर तहसील के 9 ग्रामों की 3200 हेक्टेयर क्षेत्र में भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई (स्प्रिंकलर) की सुविधा प्राप्त होगी।

मंत्रि-परिषद ने लामटा पाइप इरीगेशन नेटवर्क (होज सिस्टम) परियोजना लागत राशि 146.50 करोड़ रूपये, सिंचाई क्षमता 9630 हेक्टर खरीफ सिंचाई हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। परियोजना से बालाघाट जिले की लामटा तहसील के जनजातीय बहुल 55 ग्रामों को भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई (होज) पद्धति से खरीफ सिंचाई का लाभ प्राप्त होगा।

फायर सर्विसेज योजना की निरंतरता -

मंत्रि-परिषद ने आग की रोकथाम के लिए संचालनालय, नगरीय प्रशासन एवं विकास मध्यप्रदेश भोपाल के अधीन प्रदेश के नगरीय निकायों के लिए प्रचलित फायर सर्विसेज योजना को निरन्तर रखते हुए अग्नि सुरक्षा उपायों के सुद्ढ़ीकरण हेतु प्रदेश की नगरीय निकायों में नवीन फायर स्टेशन निर्माण, प्रशिक्षण भवन, हाइड्रोलिक प्लेटफार्म/टीटीएल, एडवांस रेस्क्यू टेण्डर, वाटर टेण्डर, क्विक रिस्पॉस वीहिकल, इन्फ्लेटेबल लाइटनिंग टॉवर, फायर फाइटिंग बाईक, फायर सूट, वाटर ब्राउजर, रेस्क्यू बोट, जीपीएस सिस्टम आदि कार्यों के लिये भारत सरकार को 241 करोड़ रुपये से अधिक की प्रेषित कार्य-योजना की 10 प्रतिशत राज्यांश राशि 24.19 करोड़ रुपये एवं कुल 282 नगरीय निकायों को 10 वर्ष की आयु सीमा पूर्ण करने वाली 326 फायर वाहनों के स्थान पर नवीन फायर वाहन क्रय करने राज्यांश की 75 प्रतिशत राशि 18.75 लाख रुपये के मान से राशि 61.13 करोड़ रुपये, इस प्रकार कुल राशि 85.32 करोड़ रुपये की कार्य-योजना की स्वीकृति प्रदान करने का निर्णय लिया।

पुनर्घनत्वीकरण नीति-2022 -

मंत्रि-परिषद ने शहरी क्षेत्रों में स्थित शासकीय भवन/परिसरों के लिए पुनर्घनत्वीकरण नीति- 2016 के स्थान पर पुनर्घनत्वीकरण नीति: 2022 को लागू किये जाने का अनुमोदन किया।

पदों का सृजन -

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय, मुख्यपीठ जबलपुर की स्थापना पर आर्बिट्रेशन केन्द्र संस्थापित करने पर 5 पद सृजित किये जाने की स्वीकृति दी। इनमें 01 डायरेक्टर, 1 प्राइवेट सेक्रेटरी अथवा सेक्रेटरी टू डायरेक्टर, 1 अकाउन्टेन्ट, एक ड्राइवर और एक भृत्य का पद शामिल है।

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