सिंधिया पर मुख्यमंत्री के तंज से दोहराता दिखाई दे रहा इतिहास

सिंधिया-कमलनाथ विवाद पर गर्माई राजनीति, सिंधिया समर्थक ने फेसबुक पर लिखा

भोपाल, विशेष संवाददाता। मप्र में वचन पत्र पूरे नहीं होने पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा दी गई सड़कों पर उतरने की चेतावनी पर मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा ग्वालियर में दिए गए बयान 'तो उतर जाएं सड़क पर रोका किसने है? I को लेकर सिंधिया समर्थक लामबंद होते दिखाई दे रहे हैं। सिंधिया के कट्टर समर्थक और ग्वालियर जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व महामंत्री द्वारा फेसबुक पर सोमवार किए गए एक पोस्ट ने इस राजनीति को और गरमा दिया है। पोस्ट में लिखा गया है, 'शायद मप्र में मुख्यमंत्री ने ग्वालियर में जिस प्रकार का तंज सिंधिया पर कसा है, मुझे इतिहास दोहराता दिखाई दे रहा है। 1967 और 1993। सिंधिया समर्थक कांग्रेसी नेता के इस पोस्ट पर सिंधिया समर्थकों ने खुलकर सिंधिया का समर्थन किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1967 में जब मप्र में डी.पी.मिश्रा सरकार थी, कांग्रेस से उपेक्षित होकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर जनसंघ से जुड़ गई थीं तथा जनसंघ के टिकट पर गुना लोकसभा सीट से चुनाव भी जीतीं। इसी प्रकार 1993 में जब मप्र में दिग्विजय सिंह की सरकार थी। पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया ने पार्टी में उपेक्षित होकर कांग्रेस पार्टी को त्यागा था तथा अलग पार्टी मप्र विकास कांग्रेस बनाई थी। हालांकि बाद में वह कांग्रेस में वापस लौट गए थे। वर्तमान कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में सिंधिया समर्थक अपने नेता की उपेक्षा को महसूस कर रहे हैं। इसी कारण इस पोस्ट पर सिंधिया समर्थकों ने उनके समर्थन में और कांग्रेस की ही सरकार के विरोध में कई कमेंट किए। पोस्ट डालने वाले बाल खण्डे ने अपने अन्य कमेंट में यह भी लिखा है कि अगर ऐसा कोई कदम उठता है तो हम सिंधिया परिवार के साथ हैं। उन्होंने लिखा है कि देश में शायद ही दूसरा कोई राजघराना या परिवार होगा, जिसकी 9 पीढिय़ों ने इतिहास लिखा हो। इस परिवार की विशेषता है, ये परिवार अपमान बर्दास्त नहीं करता, फिर इसके बदले कितना भी नुकसान उठाना पड़े।

समर्थकों ने दिए इस तरह के कमेंट

सुरेश विद्यार्थी ने लिखा-यह देश और राज्य के लिए शुभ संकेत हैं। प्रशांत वाजपेयी ने लिखा है, हम सभी महाराज के साथ हैं, अच्छा हो या बुरा, हम महाराज के साथ हैं। निखिल गंधे ने लिखा है, 'भाजपा में शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि सीएए का समर्थन किया है।दिनेश शर्मा ने लिखा है, 'हालात बन गए हैं, अब महाराज को कदम आगे बढ़ाना चाहिए। अहंकार का मर्दन जरूरी है। हम महाराज के साथ हैं। किशोर दुसेजा ने लिखा है, ग्वालियरवासी महाराजसाहब के साथ हैं, महाराजसाहब जो फैसला करेंगे, हम ग्वालियर वासियों को मंजूर है। लवकुश गुर्जन ने कमेंट किया है 'हास्य का पात्र बन रहे हैं सभी कांग्रेसी जन इस गुटबाजी के चक्कर में अपनी सरकार एवं माननीय कमलनाथ जी के खिलाफ जाना मतलब अपनी कांग्रेस पार्टी से गद्दारी होगी, वो मेरे खून में नहीं है। आलोक जाधव ने लिखा है, 'राजमाता सिंधिया ने भी अपमानित मेहसूस होने पर कांग्रेस छोड़ दी थी। सिंधिया परिवार की अवहेलना करने पर कोई भी पार्टी चाहे भाजपा हो या कांग्रेस सत्तासन नहीं रह पाएगी। सुरेश विद्यार्थी ने लिखा, 'ग्वालियर सहित पूरे मप्र के विकास के लिए सिंधिया जी को बीजेपी में शामिल होकर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना चाहिए। कांग्रेस में उनका कोई भविष्य नहीं है। राहुल और प्रियंका का पिछलग्गू बनकर कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है। विवेक आपटे ने लिखा, 'श्रीमंत हौसला तो करें साहब, सब साथ देंगे पूरा ग्वालियर, पूरा मध्यप्रदेश उनके साथ है। इसके अलावा सैकड़ों समर्थकों ने अपने कमेंट में हर हाल में सिंधिया का साथ देने की बात लिखी है।

नेता कोई भी हो सड़कों पर उतरना पड़ता है : जयवर्धन

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच कोई तकरार नहीं है। नेता कोई भी हो सब को सड़कों पर उतरना ही पड़ता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एकजुट है, कहीं कोई विरोध नहीं है। प्रियंका गांधी को मप्र से राज्यसभा सदस्य बनाए जाने की चर्चाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात होगी। प्रियंगा गांधी आगे बढ़ें। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सिंधिया ऐसे नेता है जो हमेशा ही सड़क पर रहते हैं। कांग्रेस में सब कुछ ठीक है।

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