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जीतू पटवारी ने अभिभाषण का किया बहिष्कार, पार्टी ने छोड़ा साथ, स्पीकर बोले- कार्रवाई होगी
भोपाल। मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से शुरू हुआ। सत्र शुरू होने से पहले सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने राज्यपाल के अभिभाषण के बहिष्कार की बात कही थी। इस पर सरकार ने आपत्ति जताई, जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने अभिभाषण के बहिष्कार पर असहमति जताई, जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने इस मामले में कार्रवाई करने की बात कही है।
कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने बजट सत्र शुरू होने से पहले राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण का बहिष्कार कर दिया। इसको लेकर उन्होंने ट्वीट किया। संसदीय कार्य मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने राज्यपाल का अभिभाषण समाप्त होने के बाद सदन में इस विषय को उठाया। उन्होंने इस पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यह राज्यपाल का विरोध है या फिर संवैधानिक व्यवस्था का। आखिर उन्हें राज्यपाल के अभिभाषण का पता कैसे चला। यह तो गोपनीय होता है या फिर उन्होंने बिना पढ़े ही इसका विरोध कर दिया। दोनों स्थिति में प्रतिपक्ष को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
कमलनाथ ने जताई असहमति -
नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने संसदीय कार्य मंत्री डा. मिश्रा की आपत्ति का समर्थन करते हुए कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि विधानसभा की परंपरा को बनाए रखना चाहिए। हम सब इसके भागीदार हैं। अभिभाषण का बहिष्कार पार्टी का फैसला नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई भी सदन हो, उसकी गरिमा बनी रहनी चाहिए। मुझे एक घंटे पहले ही उस ट्वीट के बारे में जानकारी मिली। मैं इससे सहमत नहीं हूं और न ही आगे रहूंगा। यह मर्यादा के विपरीत है।
मुख्यमंत्री ने जताया आभार -
इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ का आभार जताते हुए कहा कि जितनी सहजता से उन्होंने इसे स्वीकार किया और अपना विरोध जताया, वह सराहनीय है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि मेरा मानना है कि संसदीय परंपरा खंडित नहीं होना चाहिए। यह देखना चाहिए कि अभिभाषण का विरोध कौन से अंश का किया गया या फिर बिना पढ़े ही कर दिया, यह चिंता का विषय है।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा, पटवारी ने सदन की अवमानना की है। यह मामला फ्लोर में आ चुका है। इसका परीक्षण करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।बता दें कि 25 मार्च तक चलने वाले बजट सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। नौ मार्च को सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत किया जाएगा। सत्र के लिए विधायकों ने चार हजार 518 प्रश्न लगाए हैं।