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कमलनाथ ने प्रदेश सरकार से शराब और बिजली के मुद्दे पर पूछे सवाल
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आज शिवराज सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर प्रदेश को शराब के दलदल में झोंकने का आरोप लगाया है, साथ ही बिजली बिल के मुद्दे पर निशाना साधते हुए सवाल पूछे हैं।
कमलनाथ ने पहले ट्वीट में कहा -प्रदेश की शिवराज सरकार शराब प्रेमी सरकार है और शराब की दुकानें व शराब के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नित नए निर्णय लेने का काम करती रहती है।यदि प्रदेश में शराब की दुकाने बढ़ायी गयी तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी , हम सदन से लेकर सड़क तक इस जनविरोधी निर्णय का खुलकर विरोध करेंगे। मैं तो शुरू से ही कहता आया हूं कि मध्यप्रदेश में भले लोगों को राशन नहीं मिले लेकिन सरकार शराब जरूर उपलब्ध करा रही है।कोरोना महामारी में भी भले धार्मिक स्थल ,आयोजन ,वैवाहिक कार्यक्रम बंद रहे ,कर्फ्यू लगा रहा लेकिन शराब की दुकाने देर रात तक चालू रही। कितना शर्मनाक है कि जो भाजपा चुनाव के पूर्व शराबबंदी की बात करती थी वो आज मध्य प्रदेश को शराब के दलदल में झोंकने की तैयारी कर रही हैं।अब जहरीली शराब के नाम पर शराब दुकानो को बढ़ाने की तैयारी की जा रही हैं।
प्रदेश की शिवराज सरकार शराब प्रेमी सरकार है और शराब की दुकानें व शराब के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए नित नए निर्णय लेने का काम करती रहती है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) January 20, 2021
यदि प्रदेश में शराब की दुकाने बढ़ायी गयी तो कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी , हम सदन से लेकर सड़क तक इस जनविरोधी निर्णय का खुलकर विरोध करेंगे।
बिजली पर कसा तंज -
वहीं कमलनाथ ने एक अन्य ट्वीट कर बिजली बिल के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि हमारी सरकार ने लोगों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने के लिए इंदिरा ग्रह ज्योति योजना शुरू की थी। जिसमें हमने 100 रुपये में 100 यूनिट तक बिजली प्रदान करते हुए 150 यूनिट तक खर्च वाले उपभोक्ताओं को भी इस योजना में शामिल किया था। अब शिवराज सरकार हमारी इस जनहितैषी योजना से मध्यम वर्ग के लोगों को बाहर करने की तैयारी कर रही है। सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार का यह निर्णय जनविरोधी है, कोरोना महामारी में पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे मध्यमवर्गीय लोगों पर इस निर्णय से बड़ी मार पड़ेगी। सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करे।