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मुख्यमंत्री बनते ही एक्शन में आए मोहन यादव, मप्र में धार्मिक स्थलों से लाऊडस्पीकर हटाने का दिया आदेश
भोपाल। डॉ मोहन यादव मप्र के मुख्यमंत्री बनते ही एक्शन में आ गए है। उन्होंने पहला आदेश जारी कर दिया है।जिसके तहत धार्मिक और अन्य स्थलों पर नियमों के खिलाफ बजने वाले लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। आदेश के मुताबिक धर्म गुरुओं से संवाद और समन्वय के आधार पर लाउड स्पीकर को हटाने की कोशिश की जाएगी। ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची बनाई जाएगी जहां नियमों/निर्देशों का पालन नहीं हो रहा है।
राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि किसी भी प्रकार के धार्मिक स्थल अथवा अन्य स्थान में निर्धारित मापदण्ड के अनुरूप ही ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउड स्पीकर/डीजे) आदि का उपयोग किया जा सकेगा। राज्य शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण तथा लाउड स्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जाँच के लिये सभी जिलों में उड़नदस्ते गठित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज मंत्रालय में प्रभार ग्रहण करने के बाद इससे संबंधित प्रथम नस्ती पर हस्ताक्षर किये।
उड़नदस्ते का गठन किया -
बता दें कि लाउडस्पीकर एवं अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरूद्ध तेज आवाज में बिना अनुमति के उपयोग को पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। राज्य शासन द्वारा ध्वनि प्रदूषण तथा लाउडस्पीकर आदि के अवैधानिक उपयोग की जांच के लिये सभी जिलों में उड़नदस्तों के गठन का निर्णय लिया गया है। उडनदस्तें नियमित और आकस्मिक रूप से धार्मिक और सार्वजनिक स्थानों जहां ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग होता है, उसका निरीक्षण कर सकेगें तथा नियमों के उल्लंघन की स्थिति में अधिकतम 03 दिवस में समुचित जांच कर प्रतिवेदन संबंधित प्राधिकारी को प्रस्तुत करेंगें।
धर्मगुरुओं से संवाद एवं समन्वय -
धर्म गुरूओं से संवाद और समन्वय के आधार पर लाउड स्पीकरों को हटाने का प्रयास किया जायेगा। ऐसे धार्मिक स्थलों की सूची बनाकर जहाँ इन नियमों और निर्देशों का अनुपालन नहीं हो रहा है, जिला स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा कर पालन प्रतिवेदन आगामी 31 दिसंबर तक गृह विभाग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। ध्वनि प्रदूषण के मामलों की सतत निगरानी के लिये अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध अनुसंधान विभाग) पुलिस मुख्यालय को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। नोडल अधिकारी समय-समय पर लाउड स्पीकरों, डीजे आदि के अवैधानिक प्रयोग के संबंध में प्रतिवेदन शासन को प्रस्तुत करेंगे। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।