ज्योतिष भविष्यवाणी : मंगल ग्रह तीसरी बार बनाएंगे नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री

ज्योतिष भविष्यवाणी : मंगल ग्रह तीसरी बार बनाएंगे नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री
X
विपक्ष या दुश्मन कितना भी प्रबल हो लेकिन 2028 अंत तक मोदी जी का कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे
एनडीए को 362 से 375 और इंडी गठबंधन को 125 सीटें मिलेंगी

भोपाल/राजकुमार सोनी। 18वीं लोकसभा के चुनाव 542 सीटों पर सात चरणों में 1 जून को शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गए। एक सीट पर निर्विरोध सांसद पहले ही चुना गया। इस बार के आम चुनाव बेहद खास माने जा रहे हैं, एक तरफ एनडीए की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 400 प्लस का नारा देकर चुनाव अभियान की शुरुआत की, वहीं इंडी गठबंधन का चुनाव कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ा गया। इस बार के लोकसभा चुनाव में मंगल ग्रह की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मंगलग्रह मोदी जी को तीसरी बार सत्ता सौंपेंगे। एनडीए गठबंधन को 362 से 375 सीटें और इंडी गठबंधन को 125 सीटों से ही संतोष करना पड़ेगा। बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने 37 प्रतिशत मत प्राप्त करते हुए 543 में से 303 सीट जीत कर सत्ता में वापसी की थी। यह प्रदर्शन 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 31 प्रतिशत मत के साथ 282 सीट जीत लेने से अधिक बड़ा था।


मंगल ग्रह की महादशा

मई 2023 से मंगल में बृहस्पति की अंतर्दशा 21 अप्रैल 2024 तक चलेगी, मंगल की महादशा 29 नवंबर 2021 से 29 नवंबर 2028 तक रहेगी। इसलिए, मंगल की दशा में भी प्रधानमंत्री मोदी को बहुत लाभ होगा। भारतीय सेना का सम्मान पूरी दुनिया में बढ़ेगा। रोचक पंच महापुरुष योग के कारण पीएम मोदीजी की छवि एक निडर नेता की होगी। गुरु की अंतर्दशा के कारण दुनिया के सभी नेता मोदी जी को अपना नेता मानने लगेंगे। दशम भाव में शुक्र के कारण चुनौतियां तो बहुत मिलेंगी लेकिन मोदी जी इन सब पर बृहस्पति के कारण विजय पाएंगे, साल 2028 तक मंगल की महादशा के कारण भारत की सेना पूरे विश्व में एक सम्मानजनक स्थिति में होगी।

लोस चुनाव में एनडीए को कितनी सीटें मिलेंगी

मंगल में बृहस्पति की अंतर्दशा के कारण लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री श्रीनरेंद्र मोदी के एनडीए को भारी विजय होगी, भाजपा को 335 सीटें और एनडीए को 35 से 40 सीटें मिलाकर कुल 375 सीटों के साथ ही नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे। जून 2024 से जून 2025 तक मोदी जी देश हित में बड़े फैसला करेंगे। जून 2025 से 2026 तक मोदी जी को कुछ स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ सकती हैं। जिसमें इन्हें अपने पेट का विशेष ध्यान रखना होगा, कुल मिलाकर नवंबर 2028 तक निष्कंटक राजसत्ता का योग है। विपक्ष या दुश्मन कितना भी प्रबल हो लेकिन 2028 अंत तक मोदी जी का कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे।


पूरा विश्व देखेगा मोदी की ताकत

प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को दोपहर अभिजीत मुहूर्त में 12 बजकर 09 मिनट पर गुजरात के वडनगर में हुआ था। लग्न कुंडली के अनुसार मोदी की कुंडली वृश्चिक लग्न की है। इनकी कुंडली के स्वामी मंगल देव है, जो एक अच्छा संयोग है, वहीं जन्मकुंडली में लग्नेश मंगल नवमेश चंद्रमा के साथ विराजमान हैं। इसलिए जैसे ही पीएम मोदी की कुंडली में चंद्रमा की दशा शुरू हुई, उसके बाद ही वह राजनीति में चमकने लगे, साथ ही उनका वर्चस्व पार्टी में बढ़ने लगा। मंगल व चंद्रमा लग्न में स्थित हैं और मंगल देव रोचक नाम का पंच महापुरुष योग बना रहे हैं, चंद्रमा के साथ नीच भंग राजयोग भी बन रहा है। मंगल देव

छठे व पहले घर के स्वामी हैं व लग्न में बैठे हैं, इसलिए दुश्मन कभी भी इनसे जीत नहीं पाएगा। सप्तमेश शुक्र देव दशम भाव में बैठे हैं, उनके साथ चतुर्थ भाव के स्वामी शनि देव भी दशम भाव में बैठे हैं, यानी न्याय से जुड़ी बातें हमेशा करेंगे। गुरु व शुक्र केंद्र में आमने-सामने बैठे हैं, इसका मतलब जो जैसी भाषा में समझेगा उसको वह वैसे ही समझाएंगे, मतलब, जैसे को तैसा, यह हमेशा जनहित में देश हित में ही कार्य करेंगे। चतुर्थ व दशम भाव को शनि देव प्रभावित कर रहे हैं, इसलिए हमेशा न्याय संगत व तर्कसंगत बातें करेंगे। एकादश भाव में सूर्य व बुध बुध आदित्य योग भी बना रहे हैं, इसलिए प्रधानमंत्री मोदी हमेशा राजा की तरह रहेंगे।

इंडी गठबंधन 125 सीटें पर सिमट जाएगी, चुनाव बाद बिखर जाएगा गठबंधन

18 जुलाई 2023 को कर्नाटक के बंगलुरु में सायं 4 बजकर 20 मिनट पर एक प्रेस कांफ्रेंस में 27 विपक्षी दलों के नेताओं ने अपने गठबंधन का नाम इंडिया घोषित किया था। इन विपक्षी दलों के इस घोषणा के समय वृश्चिक लग्न उदय हो रहा था, जो की इस इंडिया अलायन्स का जन्म लग्न है। नवम भाव में चंद्रमा, बुध और सूर्य की युति से बन रहे राजयोग और धनयोग के चलते गठबंधन को मीडिया में अच्छा प्रचार मिला। लेकिन वृश्चिक लग्न के लिए अशुभ ग्रहों शनि में शुक्र की विंशोत्तरी दशा के चलते इंडिया अलायन्स के दलों में जल्द ही मतभेद उभरने लगे और अभी हाल ही में इसके बड़े घटक जदयू के नितीश कुमार बीजेपी के एनडीए गठबंधन में चले गए । इंडिया अलायन्स की वृश्चिक लग्न की कुंडली में वर्तमान में जनवरी 2024 से जून 2024 के बीच शनि में शुक्र में गुरु की विंशोत्तरी दशा चल रही है। प्रत्यंतर दशा नाथ गुरु विवाद के छठे भाव में राहु से युत हो कर शनि की तीसरी दृष्टि से पीड़ित हैं। ऐसे में इंडिया अलायन्स के चुनाव जीतने की ज्योतिषीय संभावना नहीं बन रही है लेकिन सूर्य और चंद्रमा के नवम भाव में बन रहे राजयोग के चलते इस गठबंधन के कुछ बड़े दलों जैसे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक को पिछले चुनाव की तुलना में 125 सीटें मिल सकती हैं। बता दें कि कांग्रेस पार्टी को 2014 के लोकसभा चुनावो में मात्र 44 सीट तथा 2019 में 52 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। कांग्रेस पार्टी की स्थापना कुंडली हम इंदिरा गांधी के द्वारा 2 जनवरी 1978 को पार्टी के विभाजन के समय की लेते हैं, जिसमें मीन लग्न उदय हो रहा है तथा चंद्रमा कन्या राशि में राहु के साथ युत हैं। वर्तमान में कांग्रेस पार्टी की कुंडली में गुरु-राहु-गुरु की विंशोत्तरी दशा 17 फरवरी से 26 जून के बीच आने वाली है। गुरु मीन लग्न की कांग्रेस पार्टी की कुंडली में चतुर्थ भाव में हो कर विवाद के छठे भाव के स्वामी सूर्य और बाधा के अष्टम भाव के अधिपति शुक्र से परस्पर दृष्टि संबंध में है, जो की चुनावों में जीत की संभावनाओं को क्षीण कर देता है। लेकिन अंतर दशा नाथ राहु का पंचमेश चंद्रमा से युत को कर एक अच्छे योग के निर्माण करने से कांग्रेस पार्टी को लोकसभा सीटों की संख्या में पिछली बार की तुलना में वृद्धि हो सकती है।

(लेखक - पत्रकार एवं ज्योतिषाचार्य हैं)

Tags

Next Story