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राज्य स्तरीय शिक्षक समारोह में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 27 शिक्षक हुए सम्मानित
भोपाल। स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शिक्षक भारत की शिक्षा व्यवस्था के आदर्श, मूल्य और संस्कार के वाहक हैं। शिक्षक भारत की सनातन परंपरा का पालन करते हुए विद्यार्थियों को पढ़ाने लिखाने तक सीमित न होकर, उन्हें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने वाला एक व्यक्तित्व है। उक्त बातें मंत्री परमार ने रविवार को वल्लभ भवन में वर्चुअली ऑनलाइन आयोजित "राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह" में कही।
स्कूल शिक्षा मंत्री परमार ने इस मौके पर शिक्षण क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया। परमार ने शिक्षकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि शिक्षक बच्चों के भविष्य को आकार देते है और इस तरह राष्ट्र के भावी भविष्य का निर्माण करते है। इस नेक योगदान के कारण ही शिक्षक समाज के सबसे ज्यादा सम्मानित सदस्य हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों से 27 शिक्षकों का सम्मान करते हुए परमार ने कहा कि यह सम्मान प्रदेश के हर शिक्षक और शिक्षा व्यवस्था से जुड़े हर अधिकारी-कर्मचारी का सम्मान है।
परमार ने भोपाल जिले की शिक्षिका वंदना पांडे को मंत्रालय में सम्मानित करते हुए प्रदेश के विभिन्न जिलों के एनआईसी कक्षा से जुड़े शिक्षकों को शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और 25 हज़ार रुपये की सम्मान राशि से सम्मानित किय
शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित -
परमार ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित मंडला जिले के बिछिया विकासखंड के शासकीय हाई स्कूल मांद के माध्यमिक शिक्षक शक्ति पटेल को सम्मानित किया। परमार ने उन्हें शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र और राज्य शासन की ओर से 11 हज़ार रुपये की सम्मान राशि का चेक भेंट किया।
आचार्य चाणक्य का अनुसरण कर भारत को बनाये विश्वगुरु -
राज्यमंत्री परमार ने सभी शिक्षकों को आचार्य चाणक्य का उदाहरण देते हुए कहा कि आचार्य चाणक्य ने देश को संगठित और विदेशी शक्तियों का नाश कर अखंड भारत का निर्माण किया था। एक बार पुनः शिक्षा के क्षेत्र में भारत का पुनर्निर्माण किया जाना है। देश के अच्छे नागरिक को विकसित करने के साथ विद्यार्थी के अंदर संवेदनशील व्यक्तित्व का निर्माण करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। परमार ने सभी शिक्षकों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में भारत को विश्व गुरु बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने का आग्रह भी किया।
कोरोना काल में दिवंगत शिक्षकों को दी श्रद्धांजलि -
परमार ने कोरोना काल की विषम परिस्थितियों में शिक्षा व्यवस्था के दिवंगत हुए सभी शिक्षकों और स्टाफ को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा हमारे शिक्षकों ने कोरोना संकटकाल के दौरान शासन द्वारा सौपे विभिन्न दायित्यों का निर्वहन कर आमजन को राहत पहुंचाने के साथ-साथ विद्यार्थियों की शिक्षा निरंतर रखने का उत्कृष्ट कार्य किया है। भविष्य में जब इतिहास लिखा जाएगा तो शिक्षा क्षेत्र में उनका स्मरण और योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।