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हंगामेदार रहा विधानसभा मानसून सत्र का पहला दिन, शिवराज-कमलनाथ हुई तीखी नोकझोक
भोपाल। विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन आज बेहद हंगामेदार रहा। कांग्रेस ने आदिवासी दिवस पर अवकाश नहीं देने पर कड़ा विरोध जताया और सदन से वाकआउट कर दिया। स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सत्ता पक्ष और विपक्षके बीच बहस हुई।दोनों ओर के नेताओं ने ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए और कटाक्ष किए। कांग्रेस ने भाजपा पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाया। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के बीच तीखी नोकझोंक हुई।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि श्रद्धांजलि पर सियासत कर कांग्रेस स्तरहीन राजनीति कर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का पलटवार मैंने अपना ईयर फोन नहीं लगाया था, क्योंकि मैंने सुना है झूठ बोलना तो पाप है और झूठ सुनना भी पाप है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा की हम आदिवासी विरोधी नहीं है, सरकार ने आदिवासियों के हित मे कई काम किये हैं।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदस्यों को समझाईश दी। लेकिन कांग्रेस विधायक सुनने को तैयार नहीं हुए और नारेबाजी करते रहे। सत्र शुरू होते ही कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार आदिवासी विरोधी है, इसलिए आदिवासी दिवस पर 9 अगस्त को अवकाश घोषित नहीं किया। कांग्रेस विधायकों ने आसंदी के सामने आकर विरोध प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे भी लगाए। कांग्रेस विधायक डा. विजय लक्ष्मी साधौ ने विरोध की शुरुआत की। उनके साथ अन्य विपक्षी सदस्य भी सदन में इस मुद्दे को लेकर हंगामा करने लगे। देखते ही देखते विधानसभा में हंगामा तेज हो गया। कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी करते हुए विधानसभा की कार्यवाही से बहिर्गमन कर दिया।
कांग्रेस विधायकों का धरना -
इससे पहले आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित नहीं किए जाने से नाराज कांग्रेस के आदिवासी विधायकों ने विधानसभा परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने प्रदर्शन किया। कांतिलाल भूरिया ने आरोप लगाया कि सरकार ने आदिवासियों का अपमान किया है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने 9 अगस्त को अवकाश घोषित किया थाl नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने से पहले कहा कि मैं आदिवासी दिवस पर श्रद्धांजलि देता हूं। इसका सत्ता पक्ष के विधायकों ने विरोध किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस आदिवासियों के मामले में भ्रम फैला रही है। कांग्रेस श्रद्धांजलि में भी राजनीति कर रही है। यह शर्मनाक और घटिया है। सरकार ने आदिवासी दिवस पर अवकाश निरस्त नहीं किया है, बल्कि यह ऐच्छिक है।
ये विधेयक होंगे पेश -
बता दें कि मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। इस चार दिवसीय सत्र में वित्तीय वर्ष के लिए प्रथम अनुपूरक अनुमान पेश किया जाएगा। सदन में मिलावटी शराब पर सख्त सजा के लिए संशोधन विधेयक पर भी मुहर लग सकती है। इस संशोधित विधेयक में बार-बार मिलावटी शराब का कारोबार करने वालों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।