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दो दिन चला विधानसभा का मानसून सत्र, हंगामे के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
भोपाल। मप्र विधानसभा का मानसून सत्र दो दिन ही चल सका। विपक्षी हंगामे के बीच सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। इस दौरान सरकार ने अनुपूरक बजट मंजूर कराया। आज सुबह कार्यवाही शुरू होने के साथ ही पेट्रोल और डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी के खिलाफ प्रदेश भर में विरोध कर रही कांग्रेस मंगलवार को विधानसभा में भी आक्रामक दिखी। विपक्ष ने सरकार को सदन में जमकर घेरा ।
दूसरे दिन प्रश्नकाल के दौरान हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही आधे घण्टे के लिए स्थगित कर दी गई। महंगाई के मुद्दे पर गर्भगृह में नारेबाजी करने पहुंचे कांग्रेसियों की एक ही मांग थी कि सरकार हर हाल में तत्काल पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करे, उस पर लगने वाले राज्य टैक्स को घटाए।
दरअसल, सदन में विधायक मेवाराम जाटव के लगाए प्रश्न पर जब वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने सिलसिलेवार ढंग से यह बताना शुरू किया कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में पेट्रोल-डीजल में जो टैक्स बढ़ाया गया, अभी वही लग रहा है। अभी पेट्रोल पर 33 प्रतिशत वेट, रुपए चार एवं पैसे पचास प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं टर्नऑवर पर एक प्रतिशत सेस दर प्रचलित है। इसी प्रकार डीजल पर 23 प्रतिशत वेट, रुपए तीन प्रतिलीटर अतिरिक्त कर एवं टर्नऑवर पर एक प्रतिशत सेस दर प्रचलित है।
उन्होंने बताया कि इससे पहले भाजपा की सरकार के रहते तो वह कम ही किया गया था, भाजपा सरकार में यह क्रमश: 28 एवं 22 से 18 प्रतिशत तक किया गया था। यह सुनते ही विपक्ष महंगाई के मुद्दे को लेकर एक जुट हो गया और एक साथ सदन में कई कांग्रेसी अपनी बात कहने लगे। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने एक-एक को बोलने को कहा, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बोले कि कांग्रेस ने कमलनाथ ने जो पेट्रोल-डीजल पर कीमते बढ़ाईं उसे भूल जाइए, अभी प्रदेश महंगाई से त्रस्त है । ऐसा सुनते ही भाजपा विधायक एक जुट होकर कमलनाथ को घेरते नजर आए। उनका कहना था कि जो आपने किया वह कैसे भूलाया जा सकता है। इस दौरान सदन में काफी हंगामे की स्थिति बन गई थी । जिसके बाद सदन को अनश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया।