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मप्र ने हासिल की एक और उपलब्धि, टाइगर-लेपर्ड के बाद बना वुल्फ स्टेट
भोपाल। विकास के नए आयाम हासिल कर रहे मध्यप्रदेश ने अब नंबर 1 का एक और ताज अपने नाम कर लिया है। टाइगर, लेपर्ड, घड़ियाल और वल्चर स्टेट का दर्जा हासिल करने के बाद अब मप्र को वुल्फ स्टेट( भेड़िया) का भी दर्जा मिल गया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार मप्र में वन्यजीवों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।
राज्यवार स्थिति -
वन विभाग के अनुसार देश में सब्स्र ज्यादा (भेड़िए) वुल्फ मप्र में है। प्रदेश में इनकी संख्या 772 है, राजस्थान में 532, गुजरात में 494, महाराष्ट्र में 396, छत्तीसगढ़ में 320 है। वन विभाग ने अपनी पोस्ट में मप्र को "वुल्फ स्टेट" लिखा है।
टाइगर, लेपर्ड, घड़ियाल और वल्चर के बाद अब मध्यप्रदेश में भेड़ियों की संख्या भी सर्वाधिक।
— Department of Forest, MP (@minforestmp) March 31, 2022
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मध्यप्रदेश में 772, राजस्थान में 532, गुजरात में 494, महाराष्ट्र में 396, छत्तीसगढ़ में 320 #wolves पाए गए हैं।#JansamparkMP @CMMadhyaPradesh @mptfs@MPTourism @GeologyIndia pic.twitter.com/YLttzHqikN
मध्यप्रदेश वन विभाग ने अपने ट्विटर हैंडिल पर ये जानकारी दी। वन विभाग ने ट्वीट कर लिखा - " टाइगर, लेपर्ड, घड़ियाल और वल्चर के बाद अब मध्यप्रदेश में भेड़ियों की संख्या भी सर्वाधिक।मध्यप्रदेश में 772, राजस्थान में 532, गुजरात में 494, महाराष्ट्र में 396, छत्तीसगढ़ में 320 #wolves पाए गए हैं। " वन विभाग ने मध्य प्रदेश को पोस्टर के साथ 'वुल्फ स्टेट' ( Wolf State ) लिखा है।
वन्य जीवों का घर -
वन विभाग ने इसे प्रदेश में लगातार पर्यटन और वन्य जीवों के लिए हो रहे कार्यों का परिणाम बताया है। आबादी से दूर रहने वाले वन्य जीवों को मप्र के वनों का वातावरण बेहद पसंद आ रहा है। यहीं कारण है की वन्य जीवों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। इससे पहले मप्र टाइगर(बाघ ), लेपर्ड (तेंदुआ ), एलिगेटर (घड़ियाल ) और वल्चर (गिद्ध) प्रदेश का दर्जा हासिल कर चुका है।