विजयपुर चुनाव परिणाम: राम निवास रावत हुए पूर्व MLA, सब की निगाह अब वन मंत्री की कुर्सी पर, कौन होगा MP का अगला फारेस्ट मिनिस्टर?

राम निवास रावत
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राम निवास रावत

Vijaypur Election Result : भोपाल। मध्य प्रदेश के विजयपुर विधानसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार और वन मंत्री रामनिवास रावत उपचुनाव हार गए हैं। यहां कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने सात हजार से ज्यादा वोट से राम निवास रावत को हरा दिया है। वन मंत्री राम निवास रावत अब पूर्व विधायक हो गए हैं। अब सवाल यह है कि, मध्य प्रदेश का अगला वन मंत्री कौन होगा?

चूंकि विधायक बनने के बाद कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ दिलाई जाती है लेकिन राम निवास रावत विधायक बनने से पहले ही मंत्री पद की शपथ ले चुके थे। अब क्योंकि वे विधायक का चुनाव हार गए हैं, इसलिए उनका प्रभार किसी और को दिया जायेगा। ऐसे में बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की नजर मध्य प्रदेश वन मंत्री की कुर्सी पर हैं।

ऐसे बने थे राम निवास रावत विधायक से पहले मंत्री

दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की टिकट से राम निवास रावत चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके कुछ समय बाद रावत ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। बीजेपी की सरकार में उन्हें कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई और वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप दी थी।

बता दें कि, नए मंत्री बने रावत को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय देने से नागर सिंह चौहान खफा हो गए थे और उन्होंने इस्तीफ़ा देने का ऐलान तक कर दिया था। हालांकि बीजेपी आलाकमान से मुलाकात के बाद नागर सिंह चौहान मान गए थे लेकिन राम निवास रावत को बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने स्वीकार नहीं किया, यह बात उपचुनाव के परिणाम से स्पष्ट हो गई।

ये वरिष्ठ विधायक वन मंत्री की दौड़ में

मध्य प्रदेश में वन मंत्री की कुर्सी पर बीजेपी के कई विधायकों की नजर है, लेकिन इस कुर्सी के प्रबल दावेदार बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं। इन नेताओं में पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और संजय पाठक शामिल हैं। संभावना यह भी जताई जा रही है कि, नागर सिंह चौहान को वापस यह विभाग सौंपा जा सकता है। चूंकि राम निवास रावत को वन मंत्री की जिम्मेदारी नागर से लेकर ही दी गई थी।

ये हैं बीजेपी की हार के कारण

विजयपुर उपचुनाव में कैबिनेट मंत्री रामनिवास रावत की हार का बड़ा कारण भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी रही हैं। दरअसल, विजयपुर उपचुनाव की कमान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने अपने हाथों में संभाल रखी, यहीं कारण है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के गुट ने पूरे चुनाव से दूरी बना ली। भाजपा के स्टार प्रचारक होने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की विजयपुर में एक भी चुनावी रैली नहीं हुई। यह बात सियासी गलियारों में काफी चर्चा में रही।

इसके अलावा भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए रामनिवास रावत को स्वीकार नहीं कर पाए। जिसके चलते पूरे चुनाव के दौरान कार्यकर्ता सक्रिय नजर नहीं आए। यह भी बीजेपी की हार का बड़ा कारण बना।

बता दें कि, कांग्रेस उम्मीदवार और बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए मुकेश मल्होत्रा को अपने पुराने संपर्कों का लाभ मिला। दरअसल, साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मल्होत्रा को टिकट नहीं दी थी जिसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। विजयपुर उपचुनाव में आदिवासी वोटर्स गेमचेंजर साबित हुए हैं। कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा की आदिवासियों काफी चर्चित चेहरे मानें जाते हैं। मुकेश मल्होत्रा ने साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में थे और 44 हजार वोट हासिल किए थे।


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