नरेंद्र सिंह तोमर का समन्वयकारी व्यक्तित्व और प्रो इनकम्बेंसी

नरेंद्र सिंह तोमर का समन्वयकारी व्यक्तित्व और प्रो इनकम्बेंसी
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याद कीजिये पार्टी का 2008 का चुनावी अभियान जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उनकी बतौर प्रदेशाध्यक्ष जुगलबंदी।

मप्र भाजपा के दृष्टिकोण से केंद्रीय नेतृत्व ने एक महत्वपूर्ण निर्णय करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन की कमान सौंपी है।श्री तोमर के व्यक्तित्व औऱ उनके सुदीर्ध अनुभव के मद्देनजर भाजपा के लिए इस निर्णय के दूरगामी औऱ समावेशी परिणाम तयशुदा हैं। इससे पूर्व केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव एवं अश्विनी वैष्णव को पार्टी ने चुनाव प्रभारी बनाया है।

गृह मंत्री अमित शाह भी हाल ही में पार्टी की चुनावी रणनीति और तैयारियों को धार देकर जा चुके हैं। जाहिर है मप्र भाजपा अब पूरी तरह चुनावी मोड़ में आ गई हैं।वैसे भी मप्र के भाजपा संगठन की गिनती देश के आदर्श राज्यों में की जाती है और इस आदर्श सांगठनिक ढांचे में नरेंद्र सिंह तोमर को उत्कृष्टता का प्रतीक भी माना जा सकता है। याद कीजिये पार्टी का 2008 का चुनावी अभियान जब मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ उनकी बतौर प्रदेशाध्यक्ष जुगलबंदी। जब लोग कहते थे मुख्यमंत्री औऱ प्रदेशाध्यक्ष एक जिस्म दो जान हैं। 2013 में भी कमोबेश सत्ता और संगठन की इसी तरह की जुगलबंदी ने भाजपा के सत्तारोहण का प्रदेश में इतिहास बनाया था।श्री तोमर की खासियत केवल उनका समन्वयकारी व्यक्तित्व ही नही बल्कि पिछले चार दशक से प्रदेश के कोने कोने से उ नका सांगठनिक रूप में जीवंत सम्पर्क भी है।वे प्रदेश भाजपा के उन प्रमुख नेताओं में एक है जिनसे हर स्तर का कार्यकर्ता मिलने के बाद अपनी नाराजगी छोड़ कर पार्टी के मोर्चे पर डट जाता है।

वस्तुतः 18 साल की सत्ता से उपजी अपनो की स्वाभाविक नाराजगी के मोर्चे पर आज समेकित रूप से पार्टी को ऐसे ही नेताओं की मैदानी आवश्यकता है।बेशक सत्ता की अपनी अंतरनिहित अपेक्षाएं औऱ निराशा कैडर को सीधे प्रभावित करती हैं इसके बाबजूद मप्र में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जैसा जनप्रिय चेहरा पार्टी के पास है जिसने जनता के सीएम की छवि को सफलतापूर्वक गढ़ा है।मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने युवा जोश और जमीनी प्रतिबद्धता के साथ पार्टी संगठन को नया आयाम दिया है। संगठन और सत्ता के बीच का समन्वय वर्तमान भाजपा के लिए चुनावी दृष्टिकोण से एक सुखद अनभूति कराती है। मप्र में पार्टी के पास अब ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा चेहरा भी है जिनका अपना एक वैशिष्ट्य औऱ जनाधार है। कैलाश विजयवर्गीय, फग्गनसिंह कुलस्ते, लाल सिंह आर्य, राकेश सिंह, प्रभात झा जैसे नेताओं की पूरी श्रंखला मौजूद है। संगठन के मेन्टर के रूप मप्र के पास इस समय श्री शिवप्रकाश,अजय जामवालऔऱ हितानन्द शर्मा जैसे सक्षम औऱ प्रेरक लोग उपलब्ध है। आधुनिकता औऱ नवोन्मेषी सोच के प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव की उपयोगिता भी मप्र में प्रमाणिकता से स्वयंसिद्ध हो चुकी हैं। ऐसे में 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने जिस जमावट को अंजाम दिया है उसके संयुक्त प्रयास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर एक नया इतिहास बनाने में सक्षम है।

पुनश्च: कार्यकर्ताओं का भी यही अभिमत है कि नरेंद्र सिंह तोमर भाजपा की मौजूदा प्रदेश इकाई को एक नई ऊर्जा और समन्वय से संयुक्त करने में सफल होंगे। वे 2023 में "प्रो इनकम्बेंसी" के नए भाजपाई मानक को भी आगे बढाने के मोदी जी के मिशन को मजबूती देंगे।

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