मप्र में नौतपा नहीं रहा असरकारक, भोपाल-इंदौर में बारिश की संभावना, लेट होगा मानसून

मप्र में नौतपा नहीं रहा असरकारक, भोपाल-इंदौर में बारिश की संभावना, लेट होगा मानसून
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1 जून को उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हो गया, जिसका असर शुक्रवार से ही प्रदेश में दिखाई देने लगा है।

भोपाल/वेबडेस्क। इस बार नौतपा के तेवर ठंडे रहे हैं। हर रोज प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में बारिश हो रही है। पश्चिमी विक्षोभ और ट्रफ लाइन के गुजरने से ओले गिरे और आंधी का दौर भी जारी रहा। शुक्रवार को भी प्रदेश के सागर में 7.8, नरसिंहपुर में 2.0 मिमी बारिश हुई। नर्मदापुरम में भी पानी गिरा। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 3 जून से प्रदेश में फिर से बारिश का दौर शुरू होगा। इससे भोपाल, उज्जैन समेत ग्वालियर-चंबल के जिले भीगेंगे। मौसम वैज्ञानिकों ने प्रदेश में तेज आंधी और ओलावृष्टि की आशंका भी जताई है। शनिवार को दोपहर तक तेज गर्मी के बाद सिस्टम का असर होगा। कई इलाकों में आंधी की रफ्तार 50 किलोमीटर प्रतिघंटा या इससे ज्यादा भी हो सकती है।

मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर प्रदेश के भोपाल, उज्जैन समेत कई जिलों में पड़ेगा। 3, 4 और 5 जून को भोपाल-उज्जैन समेत 12 जिलों में बारिश होने का अनुमान है, जबकि ग्वालियर और चंबल भी भीगेंगे। हालांकि, ये सिस्टम ज्यादा स्ट्रॉन्ग नहीं है, लेकिन जून के दूसरे सप्ताह में फिर से आंधी-बारिश का दौर शुरू होगा। मानसून 20 जून तक प्रदेश में एंट्री कर सकता है।

शुक्रवार से दिखने लगा असर

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि 1 जून को उत्तर भारत में वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हो गया, जिसका असर शुक्रवार से ही प्रदेश में दिखाई देने लगा है। सागर में हल्की बारिश भी हुई। 3 जून से इसका असर तेज होगा। भोपाल-उज्जैन संभाग में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। सिस्टम का असर भोपाल, रायसेन, राजगढ़, सीहोर, विदिशा, उज्जैन, शाजापुर, आगर-मालवा, देवास, नीमच, मंदसौर और रतलाम में दिखाई देगा। इसके बाद ग्वालियर-चंबल वाले हिस्से में भी हल्की बारिश होने की संभावना है।

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