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ईवीएम और वीवीपैट के परीक्षण का काम पूरा
प्रदेश में उपलब्ध रहेंगी 50 प्रतिशत ज्यादा मशीनें
भोपाल/प्रशासनिक संवाददाता। मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीटों के लिए 4 चरणों में होने वाले चुनाव में उपयोग में आने वाली ईवीएम और वीवीपैट मशीन की फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) का काम पूरा हो चुका है। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव कराने के लिए ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की संख्या जरूरत से 50 प्रतिशत ज्यादा है। प्रथम चरण की चेकिंग पूरी हो जाने के बाद इन मशीनों का विधानसभावार आवंटन किया जाएगा। चुनाव आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक लोकसभा चुनाव के लिए ईवीएम, वीवीपैट मशीन की एफएलसी का काम पूरा हो चुका है। मध्यप्रदेश में 65 हजार 283 मतदान केंद्र हैं। चुनाव आयोग के पास मतदान के लिए 1 लाख 2 हजार 82 बैलेट यूनिट, 82 हजार 501 कंट्रोल यूनिट और 84 हजार 311 वीवीपैट मशीन उपलब्ध हैं। विधानसभा चुनाव के संबंध में उच्च न्यायालय में दायर 29 चुनाव याचिकाओं पर सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय ने 27 विधानसभा क्षेत्र की मशीनों को रोककर रखा था, जिसमें से 24 विधानसभा से संबंधित याचिकाओं में उच्च न्यायालय के समक्ष चुनाव आयोग ने अपना पक्ष रखकर मशीनों के उपयोग की अनुमति मांग ली है। इस तरह 9 हजार मशीन चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के लिए और मिल गई हैं, जिनकी फर्स्ट लेवल चेकिंग का काम तत्काल करवाकर उपयोग में लाई जाएंगी।
24 विधानसभाओं की मशीन भी होंगी इस्तेमाल
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि पिछले विधानसभा चुनाव से संबंधित जो याचिकाएं न्यायालय में विचाराधीन हैं, उनके संबंध में हमने अपना पक्ष रखकर मशीनों के उपयोग की अनुमति मांग ली है। इस तरह 27 विधानसभा में से 24 विधानसभा की मशीन के उपयोग की अनुमति मिल गई है। इन मशीनों की प्रथम चरण के परीक्षण का काम पूरा हो जाने के बाद हम मशीनों का विधानसभावार आवंटन करेंगे, जिसे फर्स्ट रेंडमाइजेशन कहा जाता है। यह प्रक्रिया 28 मार्च से 30 मार्च के बीच पूरी होगी।